गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के यातायात प्रभारी रिश्वत मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का बड़ा बयान : ऐसे ही छत्तीसगढ़ को एटीएम सरकार नही कहा जाता…
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का बड़ा बयान : “रिश्वत को संस्थागत स्वरूप देकर” मान्यता देने की बात
रायपुर। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में यातायात प्रभारी के रिश्वत लेते पकड़े जाने के मामले में कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है छत्तीसगढ़ कांग्रेस शोषित.. महाकंगाल सरकार को “रिश्वत को संस्थागत स्वरूप देकर” मान्यता देनी चाहिये।
अजय चंद्राकर ने अजय चंद्राकर ने समाचार पत्र में भ्रष्टाचार के आरोप में यातायात विभाग के सूबेदार की गिरफ्तारी की खबर को अटैच करते हुए ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ (शोषित.. महाकंगाल) सरकार को “रिश्वत को संस्थागत स्वरूप देकर” मान्यता देनी चाहिये। देश के पांच राज्यों में चुनाव चल रहा है आगे भी अब चुनाव होंगे। ऐसे ही छत्तीसगढ़ को A.T.M. सरकार नहीं कहा जाता “हाई कमान” बहुत “समर्थनवान” राज्य को ही ये दर्जा देती है।
बता दें ACB की टीम ने यातायात प्रभारी विकास नारक और उसके एक साथी भरत पनिका को बस संचालन के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दरअसल बस संचालक ने सूबेदार की शिकायत की थी जिसमे उसने साठ हज़ार रुपए की माँग की थी। पैसे नहीं देने पर सूबेदार बिना वजह चालान कर रहा था। योजनाबद्ध तरीक़े से बस संचालक और सूबेदार के बीच संवाद कराया गया जिसमें 50 हज़ार रुपए में सहमति बन गई जिसके बाद रिश्वत की रकम लेते हुए एसीबी ने सूबेदार विकास नारक और उसके सहयोगी भरत पनिका को गिरफ़्तार कर लिया।