छत्तीसगढ़: हसदेव अभ्यारण का शोषण बंद करे सरकार: जनता कांग्रेस
हसदेव अभ्यारण का शोषण बंद करे सरकार: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़
रायपुर: कल दिनांक 10/05/2022 को सम्माननीय अमित जोगी के आदेशानुसार हसदेव अभ्यारण्य बचाने के लिए चल रहे आंदोलन को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ जे की ओर से समर्थन देने अपने साथियों के साथ पहुंचा। वहा जाकर जिस सच्चाई से मेरा सामना हुआ वह हम सभी को विचलित और सोचने में मजबूर करने वाली है।
छत्तीसगढ़ बना अदानीगढ़, छीन रहा हमारी सासें….
सरगुजा संभाग में आने वाले परसा ग्राम पंचायत में सन 2010 में तत्कालीन पर्यावरण मंत्री सम्मानीय जयराम नरेश जी ने कई शर्तों के साथ परसा केते बासन कोल ब्लॉक की अनुमति दी थी जिसमे 28 वर्षों में 150 मिलयन टन कोयला निकाला जाना प्रस्तावित था और इससे लगे अन्य भू भाग को नो गो एरिया घोषित कर दिया गया था परन्तु 2014 के बाद सभी नियमों को ताक में रखकर 3 और कोल ब्लाक की मंजूरी देने की कोशिश केंद्र सरकार द्वारा कि गई जिसमे सम्मानिय उच्च न्यायालय ने भू अधिग्रहण में रोक लगाकर एक प्रकार से नई खदानों पर रोक लगा दी है पर इसी बीच एशिया के सबसे अमीर बन चुके व्यक्ति अदानी जी द्वारा 2021 में ही समय सीमा से 6 वर्ष पूर्व ही परसा केते बासन कोल ब्लॉक से पूरा कोयला निकाल लिया गया और कहा गया है कि कोयला खत्म हो गया जबकि रिकॉर्ड में सिर्फ़ 80 मिलियन टन कोयला निकला है 70 मिलियन टन कोयला कहा गया और शर्तों के अनुसार वृक्षारोपण भी नहीं कराया गया इसका जवाब ना ही केंद्र सरकार के पास है ना ही राज्य सरकार के पास इसका जवाब सिर्फ़ एशिया के सबसे अमीर आदमी बनने की गति में छुपा हुआ होगा
भौरा, बोरे बासी अऊ नरवा गरूवा घुरवा बारी ला बाना के छत्तीसगढ के चिन्हरी हमला ठगत हे भूपेश बघेल ह संगवारी
2014 से चल रहे आंदोलन का आज फिर से चर्चा में आने का कारण है भूपेश बघेल जी का राजस्थान सरकार से प्रेम और अन्य प्रदेशो में चुनाव प्रभारी बन कर अपना कद पार्टी में बढ़ाने का जुनून जिसमे उन्हें अदानी जी का मजबूत कंधा नजर आने लगा है जबकि 2015 में मदनपुर जा कर श्री राहुल गांधी जी ने कहा था कि हमारी सरकार आते साथ परसा केते बासन कोल ब्लॉक हम बंद कर देंगे तब शायद सबसे ज्यादा जोर से ताली बजाकर समर्थन भूपेश जी ने ही किया था।पर आज गहलोत जी के साथ मिलकर हरे भरे जंगलों को काटकर हमारे प्रदेश को भी सूखा ग्रस्त राजस्थान बनाने में आमादा हैं। आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा कि नए कोल ब्लॉक के लिए लगभग 2 लाख पेड़ जिसमे अधिकतर साल के पेड़ है उनको काटा जाना प्रस्तावित है।जिसके क्रम में 300 पेड़ रात को काट भी दिए गए है जिसके विरोध में हरिहर पुर और 30 अन्य ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि 2 मार्च से आंदोलन कर रहे है पर भूपेश जी का अति महत्वाकाक्षी होना उन्हें जल जंगल जमीन की कटाई और उनसे होने वाले दुष्परिणाम की समझ से दूर ले गया है। हमारे क्षेत्र मरवाही में भी लगातार साथियों का आना जान माल की हानि करना उसी का दुष्परिणाम है भूपेश बघेल जी को यह समझना चाहिए कि जब जंगल ही नहीं बचेंगे तब नरवा गरूवा घुरवा बारी का अस्तित्व रहेगा क्या??? और वर्षा ही नहीं होगी तो बोरे बासी खाने के लिए चावल कहां से लाएंगे और भंवरा किस लकड़ी का बनाएंगे???
चिपको आंदोलन की तरह सफल हो हसदेव अभ्यारण्य आंदोलन….
सभी को 1973 में तत्कालीन यूपी के चमोली जिले जो अब उत्तराखंड का हिस्सा है में पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आन्दोलन शुरू हुआ था जिसका परिणाम था 1980 में पर्यावरण मंत्रालय की स्थापना और हमारे मुख्यमंत्री जी की पार्टी कांग्रेश की ही तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा पूर्वांचल के राज्यों में 15 वर्षों तक वृक्षों की कटाई पर रोक लगा दी गई थी उसी तरह यह आंदोलन भी सफल हो ऐसा कहकर मैंने आन्दोलन जीवियों का उत्साह बढ़ाया और प्रदेश के सबसे लोकप्रिय युवा तीव्र बुद्धि के धनी राजनेता अमित जोगी जी से इस आन्दोलन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिलाने का वादा भी किया।
#होशमेंआओभूपेशबघेल
#gobackAdani
अर्जुन सिंह
संभागीय प्रवक्ता
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)
7000935657