मरवाही वनमंडल: शिकायतों के बाद भी जांच ना करना, अधिकारियों की कार्यशैली पर उठा रहा प्रश्नचिन्ह ?

मरवाही वनमंडल: शिकायतों के बाद भी जांच ना करना, अधिकारियों की कार्यशैली पर उठा रहा प्रश्नचिन्ह ?

 

 

गौरेला पेंड्रा मरवाही-मामला मरवाही वन मण्डल का है जिस प्रकार से मरवाही वन मण्डल में एक आईएफएस की पदस्थापना संजय त्रिपाठी को हटा किया गया गया था लग रहा था की सभी भ्रष्ट अधिकारी य कर्मचारियो के ऊपर जांच कर तत्काल कार्यवाही की जायेगी..पर सब कुछ उल्टा ही देखने मिल रहा है यू कहे कि यहाँ के राजनीतिक पहुंच के सामने वर्तमान वनमण्डलाधिकारी भी मजबूर नजर आ रहे है ।

गौरतलब है की स्थानीय वरिष्ठ कांग्रेस आदिवासी नेता धनसिंह कंवर एवम दुर्गा प्रसाद जिला अध्यक्ष मजदूर कांग्रेस जीपीएम ने संजय त्रिपाठी के भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत कर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई थी पर आज तक डीएफओ ने जाँच कराना उचित नही समझा.. जिससे संजय त्रिपाठी के हौसले बुलंद है ! और कई शिकायते दी गई पर आश्वासन के सिवाय कुछ नही मिला इससे वर्तमान वनमण्डलाअधिकारी के प्रति लोगो का भरोसा कम होते जा रहा है ।

जिस प्रकार से नियम के खिलाफ एक अकाउंटेंट स्तर के कार्य को वर्तमान डीएफओ द्वारा अपने अधीनस्थ ही रखकर कार्य लिया जा रहा है तो और लोगो के प्रति क्या एक्शन ले पाएंगे? लिपिक एक सहायक ग्रेड 3 को कैम्पा शाखा में बैठना साथ ही भ्रष्टाचार के सैकड़ो आरोप झेल रहे पुरषोतम कश्यप से स्टेनो कार्य लिया जाना ये सब उदाहरण है इसी प्रकार बिलासपुर वनमण्डल धमतरी वनमण्डल में वायर लेस ऑपरेटरों से लिपिक कार्य लिया जाता था पर लिपिक यूनियन के विरोध के बाद सभी की छुट्टी कर दी गई पर छत्तीसगद्ध के एक मात्र वनमण्डल में आज भी 15 वर्षो से जमे एक ही साखा में पुरषोतम कस्यप को नही हटाया जाना समझ से परे है अगर समय इसमें निर्णय नही किया गया तो इसके परिणाम देखने मिल सकते है ।