मरवाही वनमण्डल: कमीशन खोरो और भ्रष्ट कर्मचारियों का राज ? जनप्रतिनिधियों व आम जनता की अनदेखी क्यों ?

मरवाही वनमण्डल: जनप्रतिनिधियों व आम जनता की अनदेखी! कमीशन खोरो और भ्रष्ट कर्मचारियों का राज?

 

 

वर्तमान डीएफओ का संरक्षण ?

गौरेला पेंड्रा मरवाही: मामला मरवाही वन मण्डल का है जिस प्रकार से मरवाही वन मण्डल में लैंटाना घोटाला, मनरेगा घोटाला, स्टाप डेम घोटाले, में वर्तमान डीएफओ जाँच और कार्यवाही के प्रति उदासीन नजर आ रहे है कही इन कर्मचारियो को वर्तमान डीएफओ का संरक्ष्ण तो नही.. गौरतलब है की कुछ माह पूर्व ही मरवाही रेंज में स्टाप डेम एवम प्लांटेशन में बिना कार्य कराए दरोगा सिंह और एसडीओ संजय त्रिपाठी द्वारा राशि गबन का मामला सामने आया था जिसमे वर्तमान डीएफओ द्वारा जाँच टीम गठित कर जाँच भी कराया गया था?

जिसमे जाँच अधिकारी केपी डिंडोरे एवम् प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी गौरेला गोपाल जांगड़े एवम उनके टीम ने जाँच प्रतिवेदन वर्तमान डीएफओ को प्रस्तुत किया था उस जाँच में स्पष्ट रूप से वर्तमान प्रभारी रेन्जर दरोगा सिंह मराबी और एसडीओ संजय त्रिपाठी दोसी पाए गए थे ..परंतु डीएफओ की तरफ से आज तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही ना करना अपने आप में सवाल खड़े करता है, इतना ही नही उक्त अपूर्ण कार्यो संरक्षण दे कर कार्य पूर्ण करने में अपना पूरा योगदान भी दिया, बता दे की घोटालेबाज एसडीओ संजय त्रिपाठी ने स्वीकृत रकबा से कम रकबा में कराए गए प्लांटेशन में शिकायत होने के बाद गर्मी के दिनों में पौधा लगवाया गया जिसमे त्रिपाठी को डीएफओ का खुला संरक्षण मिला.?

वही मनरेगा घोटाला के आरोपी कर्मचारी को भी शासन के नियमो को किनारे कर आज तक निलम्बन के सिवाय कोई आगे कार्यवाही नही की गई जबकि अब तक ये आरोपी कर्मचारी सलाखों के अन्दर होने चाहिए थे..इसी प्रकार लेंटाना उन्मूलन में घोटाले की शिकायत श्री धन सिंह कंवर अध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस, श्री दुर्गा प्रसाद जिला अध्यक्ष मजदूर कांग्रेस, द्वारा डीएफओ से की गई थी परंतु आज पर्यंत तक उस मामले में ना तो जांच किया गया ना ही कोई कार्यवाही नजर आई। ज्ञात है की डीएफओ कार्यालय के सामने ही कुछ समय दिन पूर्व बने सीसी रोड़ में डामरीकरण करण समिति के पैसे से करा जमकर घोटाला किया गया ..। इस घोटाले में भी डीएफओ शांत है।

इतने भ्रष्टाचार होते हुए भी एक उच्च अधिकारी का शांत होना अपने आप में प्रश्न चिन्ह है ,ऐसा मामला शायद ही कही पर दिखे पर ऐसा प्रतीत होता है की मरवाही वनमंडल में इन भ्रष्ट अधिकारीयो कर्मचारियो को विभाग द्वारा इस क्षेत्र के भोली भाली जनता के पैसे को लूटने के लिए भेजा गया है वही वर्तमान सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेता भी वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने से बचते नजर आते है इसका कारण क्या है ये समय बतायेगा ?

संजय त्रिपाठी को भार मुक्त ना करने की क्या है वजह ??

शिकायतो के आधार पर संजय त्रिपाठी को एसडीओ पेंड्रा से तत्काल प्रभाव से हटा मुख्यालय रायपुर अटैच किया गया पर आज तक वर्तमान वनमण्डलाअधिकारी द्वारा उसको भारमुक्त नही किया गया कारण क्या है क्या मजबूरी है कि इस भ्रष्ट अधिकारी संजय त्रिपाठी को हर जगह संरक्षण मिल ही जाता है ये कहे कि पैसे की ताकत या राजनीतिक पहुच या इनके पत्नी का रायपुर स्तर में पोस्टिंग का धौस ?