एक तरफ जहाँ पार्टी नए कार्यकारिणी के गठन पर जश्न मना रही है वही दूसरी ओर भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पवन केशरवानी ने पार्टी में उपेक्षा की वजह से दिया इस्तीफा
रिपोर्टर:–रितेश गुप्ता
पेण्ड्रा
पेंड्रा। जहाँ कुछ दिन पहले ही जेसीसी जोगी गुट के नेताओ ने इस्तीफा देकर जब कांग्रेस में प्रवेश किये तो जिले के कई कांग्रेस पदाधिकारियों ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। हालांकि बाद में सब सामान्य हो गया था , । वहीं जेसीसी व कांग्रेस के बाद इस्तीफो का यह सिलसिला भाजपा में चालू हो गया ।
नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के लिए घोषित जिला भाजपा की कार्यकारिणी से नाराज होकर भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं कोरबा जिले के प्रभारी पवन केशरवानी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा नेता पवन केशरवानी ने कहा कि पार्टी में अब निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को महत्व दिया जा रहा है जो कल तक दूसरी राजनीतिक पार्टियों में रहकर भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे थे वह आज भाजपा में आ गए हैं तथा उन्हें वरिष्ठ पदों में रखा जा रहा है जबकि उनकी हैसियत पार्षद का चुनाव जीतने की भी नहीं है।
श्री केशरवानी ने कहा कि पेंड्रा गौरेला मरवाही के कार्यकर्ताओं की भाजपा में सुनियोजित ढंग से उपेक्षा होती रही है। अभी नई सरकार द्वारा नए जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही का गठन किया गया है परंतु बिलासपुर के नेता एवं संगठन के लोग नए जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही के संगठन को बिलासपुर से ही संचालित करना चाहते हैं।
अभी नवगठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की कार्यकारिणी घोषित की गई है उसे भी बिलासपुर से अंतिम रूप दिया गया जबकि प्रदेश संगठन द्वारा सिर्फ जिला अध्यक्ष की घोषणा की जाती है तथा जिला अध्यक्ष अपने अन्य पदाधिकारियों एवं कार्य समिति का चयन करते हैं परंतु नए जिला अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल की घोषणा के साथ पूरी कार्यकारिणी की घोषणा बिलासपुर के नेताओं द्वारा की गई जिसमें निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई।
भाजपा नेता पवन केसरवानी के अनुसार गौरेला पेंड्रा मरवाही में उनके केशरवानी समाज का बड़ा तबका निवास करता है जिसके कारण अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा केशरवानी समाज के लोगों को पद दिया गया है परंतु भाजपा में नवगठित कार्यकारिणी में जातिगत समीकरणों की भी उपेक्षा की गई। मेरे पिताजी भी भाजपा संगठन में जमीनी कार्यकर्ता के रूप में आजीवन कार्य किया। व मैं स्वयं लगभग 20 वर्षों से भाजपा के लिए समर्पित भाव से कार्य करता रहा एक भी पद और प्रतिष्ठा की परवाह नहीं की।
बस्तर से सरगुजा तक जब जहां संगठन ने उपयोगी समझा वहां गए और तन मन धन से काम किये परंतु जब स्वयं के लिए पार्षद की एक टिकट मांगी तो टिकट भी नई मिला और कल के आए स्वार्थीयों को टिकट दी जो हार गए,अब उन्हें जिले के भाजपा संगठन में पद देकर निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है, जो अब बर्दाश्त से बाहर है। पवन केशरवानी ने बताया कि अब भाजपा में कर्मठ व पुराने कार्यकर्ताओं व नेताओं की अहमियत व जरूरत नही रह गई है , बल्कि पेण्ड्रा में अब परिवारवाद हावी हो रहा , भाजपा 3 परिवारों के बीच सिमट कर रह गई हैं , जो संगठन के रूप में भाजपा को चलाना चाहते हैं जबकि भाजपा की विचारधारा विशाल रही है।
दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान बलिदानी नेताओं ने खून पसीने से उसे सींचा है, भाजपा संगठन में मनमानी नहीं चलती परंतु एक खास वर्ग भाजपा में मनमानी चला रहा है।