कटघोरा वनमंडल में प्याज के छिलकों की तरह निकल रहे घोटाले..50 लाख का तालाब बुझा रहा एसडीओ ,रेंजर ,लाला राम ठेकाम के पैसों की प्यास.

वन मंडल कटघोरा में प्याज के छिलकों की तरह निकल रहे घोटाले..50 लाख का तालाब बुझा रहा एसडीओ ,रेंजर ,लाला राम ठेकाम के पैसों की प्यास.

@Ritesh Gupta 

कटघोरा: वनमंडल लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है वनमण्डल में मनमानी व भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं। कैम्पा मद से निर्मित तालाब में 50 लाख रूपये घोटाला किया गया हैं । इसमे यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि 50 लाख रुपए का डबरी एसडीओ-रेंजरों और लिपिक लालाराम के पैसों की प्यास बुझा रहा है जानवरों-ग्रामीणों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस भ्रष्टाचार में एसडीओ रेंजर की भ्रष्टाचार करने में पूरी भूमिका है कैंपा मद से एलीफेंट रिजर्व के तहत् (हाथी रिजर्व क्षेत्र) में लाखो रुपए से डबरी बनाकर जमकर बंटरबाट किया गया है।

दरअसल कटघोरा वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र ऐतमानगर के ग्राम पंचायत पाठा में वन कक्ष क्रमांक पी 528 में जंगल के बीचों बीच कैंपा मद से 50 लाख की लागत से स्वीकृत तालाब का निर्माण करवाया गया है। जहां तालाब के नाम पर सिर्फ डबरी निर्माण (गड्ढा खोदकर) 50 लाख रुपए का भुगतान किया गया है।बता दे की इस तालाब का पूरा भुगतान एक सफेदपोश नेता के रिश्तेदार को किया गया हैं,वही तालाब की स्थिति देखकर आसानी से इसको समझा जा सकता है की तालाब के नाम पर डबरी बनाकर लगभग पूरी राशि एसडीओ ,रेंजर ,बाबू लाला राम टेकाम के द्वारा डकार लिया गया है।

सूत्रों ने बताया की तालाब के नाम पर जंगल मे पहले से मौजूद गड्ढ़े युक्त स्थान का चयन करके मशीनो से गड्ढ़े की मिट्टी खोद कर मेड रख दिया गया.. इन मेड़ो में न ही पिचिंग कार्य किया गया न ही तालाब में पर्याप्त गड्ढा खोदा गया जिससे 50 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी तालाब में न पर्याप्त गड्ढा है तालाब के नाम पर केवल डबरी बनाकर छोड़ दिया हैं डीएफओ के कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है।

लेखापाल लाला राम टेकाम कर रहा जमकर दलाली

आपको बता दे की कैंपा मद का प्रभारी लेखापाल लाला राम टेकाम वनमण्डल में जमकर दलाली कर रहा है इसके द्वारा बिल काटने के एवज में मोटी रकम की मांग की जाती है।हर बिल के एवज में 5% राशि कमीशन की मांग करता है , और जो सप्लायर कमीशन देता है उसका भुगतान होता है, अन्य का भुगतान रोक दिया जाता है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच एवं कार्रवाई की मांग की गई है।

तालाब अधिकारियों के लालच की भेंट चढ़ गई: ग्रामवासी

तालाब का निर्माण जंगली जानवरों के पानी पीने, उनके संवर्धन के लिए किया जाता है परंतु यह तालाब अधिकारियों के लालच की भेंट चढ़ गई! जिसका पूरे ग्राम वासी जमकर विरोध कर रहे है ग्रामीणों ने बताया की तालाब के निर्माण में गंभीर अनियमितता हुई है. तालाब फूटा हुआ पाया. तालाब में ठंड में पानी नहीं है गर्मी में पानी कैसे रहेगा. तालाब निर्माण का आधा-अधूरा हुआ है. न इसमें बोल्डर पिचिंग की गई है न ही निकासी नाली में कांक्रीट का काम हुआ है. और तो और मिट्टी का काम भी नहीं हुआ है.. तालाब की तत्काल स्तिथि को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है की तालाब निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार व पैसों का बंतरबाट किया गया है ग्रामीणों ने तालाब की जांच की मांग करते हुए कार्यवाही की मांग की है !