करोड़ो के घोटाले के मुख्य आरोपी डीएमओ लोकेश देवांगन को निलंबन से पहले प्रमोशन..

निलंबन से पहले प्रमोशन…करोड़ो के घोटाले का मुख्य आरोपी है डीएमओ लोकेश देवांगन….

Chattisgarh: राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जिस अधिकारी को 20 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी लगाकर राइस मिलिंग के लिए डिमांड आर्डर (डोओ) जारी करने में दोषी पाया गया, उसे निलंबन से पहले ही पदोन्नत कर दिया गया। इस पर सवाल उठने लगे हैं।

मामले में मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी का कहना है कि डोपीसी कमेटी ने एक वर्ष पूर्व की स्थिति को देखकर निर्णय लिया है। गड़बड़ी के मामले में अब कलेक्टर का प्रतिवेदन मिल गया है। इसकी जांच होगी फिर आगे की प्रक्रिया की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर डीएमओ को निलंबित किया गया है। और राइस मिलर को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है।

दरअसल, सत्र 2022-23 में धान उठाव के बाद मिलिंग के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही (जीपीएम) के डीएमओ लोकेश कुमार ने मिलर्स से साठगांठ कर 20 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी लगाकर उन्हें धान की मिलिंग के लिए डीओ जारी कर दिया था। इसकी शिकायत पर जांच के बाद कलेक्टर ने 28 दिसंबर को जारी किए गए अपने प्रतिवेदन में उन्हें दोषी बताया। इस पर उक्त डोएमओ को 30 दिसंबर को निलंबित किया गया। इसके ठीक एक दिन पहले लेकिन 29 दिसंबर को उन्हें पदोन्नत करते हुए सहायक प्रबंधक से उप प्रबंधक पद पर पदस्थ कर दिया।

23 दिसंबर को हुई थी डीपीसी की बैठक

मार्कफेड में पदोन्नति को लेकर डीपीसी की बैठक 23 दिसंबर को आयोजित थी। जिसने अधिकारियो कर्मचारियों की वरीयता के आधार पर लोकेश कुमार को पदोन्नत करने की अनुशंसा की गई। 28 दिसंबर को प्रतिवेदन जारी होने के बाद भी उन्हें 29 दिसंबर को निलंबित करने के बजाय पदोन्नति दे दी गई। इसके एक दिन बाद इसको निलम्बित किया गया।

जांच के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी

डीपीसी कमेटी ने एक वर्ष पूर्व की स्थिति को देखकर निर्णय लिया है। गड़बड़ी के मामले में अब कलेक्टर का प्रतिवेदन मिल गया है। इसकी जांच होगी और फिर आगे की प्रक्रिया की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर डीएओ को निलंबित किया गया है और राइस मिलर्स को काली सूची मे डाला गया है।

-मनोज सोनी, एमडी, मार्कफेड