गैर आदिवासी विवाहित पुरुषों ने जशपुर बलरामपुर में प्रॉपर्टी की लालच में आदिवासी महिलाओं से कर ली शादी,संभागायुक्त हुए सख्त ,दिए जमीन खरीदी की जांच के आदेश मची खलबली 

गैर आदिवासी विवाहित पुरुषों ने जशपुर बलरामपुर में प्रॉपर्टी की लालच में आदिवासी महिलाओं से कर ली शादी,संभागायुक्त हुए सख्त ,दिए जमीन खरीदी की जांच के आदेश मची खलबली 

अम्बिकापुर । सरगुजा संभाग में गैर आदिवासी पुरुषों द्वारा आदिवासी महिलाओं से शादी कर करोड़ों की प्रॉपर्टी (जमीन)खरीद फरोख्त करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए संभागायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने उपायुक्त राजस्व नीलम टोप्पो को मामले की विस्तृत जांच कर नियमानुसार कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।जल्द ही प्रकरण में रिकार्ड खंगाले जाएंगे। आदेश जारी होते ही संबंधितों में खलबली मची हुई है।

यहाँ बताना होगा कि अदिवासी बाहुल्य पिछड़ा संभाग सरगुजा के बलरामपुर जशपुर जैसे जिले झारखंड की सीमा से लगे हैं।प्रदेश के कुछ नामचीन न्यूज एजेंसियों ने इन जिलों में पिछले एक दशक में आदिवासियों की जमीन खरीदने पहली पत्नी के होते हुए भी आदिवासी युवती से दूसरी शादी करने के मामलों को उजागर किया था।टाँगरटोली ,जामटोली ,डडग़ांव ,कुसमी सामरी,चांदो ,रामानुजगंज ,बलरामपुर जैसे दर्जनों गांव -कस्बों से ऐसे मामले सामने लाए थे। सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा बगीचा ,सन्ना,लुंड्रा ,में भी ऐसे केस के दावे किए गए थे।

जशपुर और बलरामपुर जिले में भास्कर ने राजस्व रिकार्ड खंगाल ऐसे 3019 केस सामने लाकर खलबली मचा दी थी। जिनमें आदिवासी युवतियों के नाम पर अचल संपत्ति की बड़ी खरीद फरोख्त हुई है। ये युवतियां पहाड़ी कोरवा ,उरांव ,और खैरवार जनजातियों में से हैं,जिनके पति आदिवासी नहीं हैं। इनमें भी ज्यादातर एक समुदाय विशेष से हैं। चूंकि आदिवासियों की जमीन -संपत्ति सिर्फ आदिवासी ही खरीद सकते हैं इसलिए वर्षों से ऐसा चल रहा है।स्पेशल स्टोरी में उल्लेख किया गया था कि ऐसे मामलों में बेतहाशा हो रही वृद्धि को देखते हुए कुछ जागरूक ग्राम पतराटोली ,रातामाटी ,पैकू ,नीमगांव सहित 12 गांव के ग्रामीणों द्वारा बैठक कर तय किया गया है कि बाहरी लोगों को न तो गांव में बसने देंगे न ही उन्हें संपत्ति बेचेंगे ।

मीडिया में खबर वायरल होने के बाद शासन भी हरकत में आ गई है। संभागायुक्त संजय अलंग ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने उपायुक्त राजस्व नीलम टोप्पो को मामले की विस्तृत जांच कर नियमानुसार कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं।कमिश्नर के निर्देश पर उपायुक्त राजस्व द्वारा ऐसे मामलों की सतत मॉनिटरिंग करने तथा साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में कार्यवाही की समीक्षा करते हुए मासिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करने संबंधी परिपत्र जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है।जल्द ही प्रकरण में रिकार्ड खंगाले जाएंगे। आदेश जारी होते ही संबंधितों में खलबली मची हुई है।