सेवा समाप्ति का फरमान..हड़ताल के बीच इस सूचना से हड़कम्प…

रायपुर: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की हड़ताल लगातार जारी है। आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लगाकर आंगनबाड़ी कर्मी पंडालों में बैठे हुए हैं। इनके द्वारा विभिन्न तरीकों से सरकार का ध्यानाकर्षण अपनी मांगों की ओर कराया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अपनी मांग पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ संयुक्त मंच के द्वारा प्रदेश भर में आंदोलन का बिगुल फूंका गया है तो वहीं बीएमएस से समर्थित संघ भी हड़ताल में कूदा है। हालांकि हड़ताल को लेकर कुछ विरोधाभास भी कायम है लेकिन बड़ी संख्या हड़ताल पर कायम है।

थाली बजाकर तो गाना गाकर विरोध प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का यह नारा 6 हजार में दम नहीं 18 हजार से कम नहीं….का नारा काफी चल रहा है। दूसरी तरफ हड़ताल को खत्म कराने की कवायद सरकार की ओर से जारी है। पिछले दिनों बजट तैयारी की बैठक में भी विभाग की ओर से कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष भेजा जा चुका है। अब राज्य सरकार के बजट की ओर इन कर्मियों की निगाहें लगी हुई हैं कि मानदेय वृद्धि की घोषणा होती है या नहीं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह बजट की घोषणा होने तक हड़ताल पर बनी रहेंगी तो दूसरी तरफ सरकार इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए अब सख्त कदम उठा रही है।

0 सरकार ने जारी किया यह सख्त फरमान

इधर दूसरी ओर हड़ताल को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। महिला बाल विकास विभाग की तरफ से सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश जारी कर हड़ताल के संदर्भ में कड़े फैसले लेने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के तहत जिला स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर बातचीत करने और हड़ताल पर लौटने का अल्टीमेटम देने का निर्देश दिया है। 10 बिंदुओं पर जारी निर्देश में इस बात का भी उल्लेख है कि अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर अडिग रहते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए साथ ही उनके मानदेय भुगतान को रोकने का भी निर्देश दिया गया है। अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल से वापस नहीं लौटती है तो उनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाए।