गौरेला पेंड्रा मरवाही: स्थानांतरण के 6 महीनो बाद भी पटवारी भानु प्रताप साय को नही किया भार मुक्त.
एक पटवारी को हटाने जिला प्रशासन के छूट रहे पसीने ? बीते वर्ष हुआ था स्थानांतरण अभी तक नही किया भारमुक्त..
गौरेला पेंड्रा मरवाही: एक बात बिल्कुल भी समझ नहीं आती कि जब क्षेत्र की आम जनता और वहां के निवासी किसी शासकीय कर्मचारीे की कार्यशैली से प्रताड़ित हैं और उससे त्रस्त हो चुके है। वह लोग उसे वहां से हटाने की मांग लगातार कर रहे हैं, फिर शासन और प्रशासन को उसे वहां से हटाने के लिए पसीने क्यो छूट रहे हैं।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रारोड तहसील के पटवारी हल्का नं 19 में पदस्थ हल्का पटवारी भानु प्रताप साय का स्थानांतरण विगत वर्ष 30 सितंबर 2022 को शासन के द्वारा तहसील पेंड्रा रोड से कलेक्टर भू अभिलेख शाखा बिलासपुर के लिए किया गया था। लेकिन उक्त पटवारी स्थानीय और प्रभावशील होने के कारण उसे तहसील पेंड्रा रोड से भारमुक्त कलेक्टर के द्वारा नही किया जा रहा है । लोंगो ने बताया कि पटवारी भानु प्रताप साय लगातार विवादों में रहते हुए कई न्यायालयीन प्रकरणों में हेरा फेरी करने में सफल रहा है। उसके द्वारा राजस्व प्रकरण में हेराफेरी के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त रहकर अच्छा खासा पैसे की उगाही करने की भी चर्चा आम है।
बताया गया कि उक्त जिला प्रशासन का चहेता है। पटवारी की शिकायत प्रताड़ित किसानों के अलावा जनप्रतिनिधियों द्वारा कलेक्टर से लेकर संभागायुक्त तक कई दफा की जा चुकी है , कई बार लिखित शिकायत कर स्थानांतरित पटवारी भानु प्रताप साय को भारमुक्त करने की मांग की गई है। लेकिन आज तक उस भ्रष्ट पटवारी को भारमुक्त करने का फैसला नहीं लिया गया है जिससे तहसील पेंड्रा रोड में आम किसानों में भारी रोष है।
अब बड़ा सवाल यह कि एक ओर जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भ्रष्ट और गड़बड़ी करने वाले अधिकारी- कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। भरे मंच से उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। लेकिन वही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा रोड तहसील अंतर्गत पदस्थ भ्रष्ट और गड़बड़ी के आरोपी पटवारी भानु प्रताप साय को हटाने के लिए जिला प्रशासन को पसीने क्यों छूट रहे हैं?