गबन के आरोप में निलंबित कर्मचारियों को बचाने प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर का नया आदेश…
वनमंडल मरवाही में विभिन्न योजनाओं की शासकीय राशि का फर्जी कमेटी गठित कर गंभीर वित्तीय मामले में नया आदेश जारी किया गया है आदेश मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख द्वारा जारी किया गया हैं जिसमे पूरे मामले में पुन: जांच कर कार्रवाई करने का आदेशित किया गया है।
सीसीएफ द्वारा गठित जांच समिति के रिपोर्ट को किया गया दरकिनार
परिक्षेत्र मरवाही में विभिन्न योजनाओं की शासकीय राशि का फर्जी समिति गठन कर गंभीर वित्तीय अनियमितता के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही ।
आपका का पत्र क्रमांक / 506 दिनांक 20.02.2023 -0- संदर्भ :-
विषयांतर्गत संदर्भित पत्र का अवलोकन करें। जिसके द्वारा मरवाही वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र मरवाही में रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवत माड़ा गगनई (साल्कोटा परिसर) में विभिन्न योजनाओं की राशि का फर्जी समिति गठन कर समिति के खाते में जमा राशि की हेरा फेरी के संबंध में वित्तीय अनियमितता हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
संदर्भित पत्र द्वारा प्रेषित प्रस्ताव एवं जांच प्रतिवेदन का परीक्षण किया गया है, जिसमें निम्नलिखित त्रुटिया एवं कमियां पाई गई:-
1…जांच प्रतिवेदन में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों दोषी पाया गया है उन्हें जांच प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं किया गया है।
2…प्रतिवेदन में किसी भी प्रकार के पुष्टिकारक अभिलेखों का परीक्षण करना नहीं पाया गया है। केवल मौखिक कथन से शिकायत के प्रत्येक बिन्दु की पुष्टि कर दी गई है। जो कि प्रक्रियात्मक त्रुटि है।
3…जांच प्रतिवेदन में कहीं भी राशि के हेर फेर अथवा कार्य की अपूर्णता उल्लेखित नहीं है जिसे ग्राहय / मान्य किया जाता है, शिकायत का मूल बिन्दु समितियों के निर्माण का प्रश्न है, इस बिन्दु पर ही नवीन जांच समिति द्वारा पुनः जांच संस्थित किया जाये।
4… क्या समितियों को कार्य के अनुरूप भुगतान वन मंडलाधिकारी द्वारा ही किया गया है? ऐसी स्थिति में अधिनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को ही दोषी कैसे मान्य किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि समितियों के निर्माण प्रक्रियाओं को पूर्ण नहीं किया गया है। अत: इसकी पड़ताल कर समितियों के निर्माण के परिपेक्ष्य में प्रक्रिया पूर्ण करायी जा सकती है।
चूंकि शिकायतकर्ताओं द्वारा समितियों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह स्थापित किया गया है तो विभाग द्वारा इन समितियों से अब तक ली गई सेवाओं एवं कार्यों को ध्यान में रखते हुये संतुलित एवं युक्तियुक्त जांच प्रतिवेदन प्रेषित करें।
उपरोक्तानुसार बिन्दुओं के आधार पर पुन: जांच समिति गठित करते हुये सभी संबद्ध अधिकारियों / कर्मचारियों को सम्मिलित करते हुये शिकायत का जांच कराया जावे साथ ही जांच प्रतिवेदन समस्त संबंद्ध पक्षों को पर्याप्त अवसर देते हुये प्रस्तुत करें। संदर्भित पत्र द्वारा प्रेषित अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव एवं जांच प्रतिवेदन मूलतः संलग्न प्रेषित है।