भ्रष्ट अधिकारी का कनेक्शन कहा से ? भारी अनियमितता के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नही..?

भ्रष्ट अधिकारी का कनेक्शन कहा से ? भारी अनियमितता के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नही..?

पूरा सिस्ट्म ही सदेह के घेरे में?

गौरेला पेंड्रा मरवाही-मामला वन विभाग का है आज छत्तीसगढ़ का वन विभाग का मंत्रालय एक ऐसे ईमानदार मंत्री के पास है जिससे करप्शन करने वालो की रूह कांपती है हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री मोहमद अकबर की जिनके हाथों में आज वन विभाग की जिम्मेदारी है परंतु वन विभाग में भ्रष्टाचार कम होने का नाम ही नही ले रहा है।

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार का मंडल बन चुका मरवाही वन मंडल जो की हमेशा सुर्खियों में बना रहा है वनमण्डल का सबसे चर्चित नाम एसडीओ संजय त्रिपाठी रहे है जो की वनमण्डल में पिछले 10 वर्षों से पदस्थ रहे, संजय त्रिपाठी मरवाही रेंजर से प्रमोशन के बाद एसडीओ और एसडीओ रहते नियम विरुद्ध प्रभारी डीएफओ का प्रभारी थे और इनकी लंबी शिकायतों के बाद विभाग द्वारा दिखावे के लिए त्रिपाठी को कुछ माह के लिए रायपुर अटैच और फिर तुरन्त ही कटघोरा एस डी ओ का गिफ्ट इनको दिया गया,

बता दे की संजय त्रिपाठी के ऊपर लाखो के फर्जी गबन के आरोप लग चुके है जिसमे जांच तो किया गया परन्तु फिर भी इस अधिकारी के ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई इससे सिद्ध होता है की इनको उच्च स्तर का राजनीतिक संरक्षण निश्चित प्राप्त है जिसकी वजह से इनके हर अपराध माफ है जबकि इसी वनमण्डल के मामले एसडीओ केपी डिंडोरो को सस्पेंड कर दिया जाता है और वही फर्जी समिति बना लाखो के गबन पर केवल छोटे कर्मचारियों को निपटा कर मामले को निपटाने की कोशिश की जा रही है

सोचनीय विषय है की इस भ्रष्ट अधिकारी का लिंक कहा तक है कई सवाल है जो अपने आप अंदर ही अंदर बहुत कुछ कहानी बयां करती है जो भी हो इस अधिकारी का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा. आज हर जनता में बस एक ही सवाल है की संजय त्रिपाठी के ऊपर कोई कार्यवाही क्यों नही होता है ??

संजय त्रिपाठी के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप .

1 ग्रीन मिशन इंडिया के प्राप्त राशि में भ्रष्टाचार

2.. प्लान्टेशन रोपण में भ्रष्टाचार

3..स्टाम डेम निर्माण में भ्रष्टाचार

4.. एफडीए मद में भ्रष्टाचार

5..समिति घोटाला

6..कैम्पा मद में भ्रष्टाचार

7.. मड़नाडिपो में सी सी के ऊपर डामरीकरण घोटाला

8..लेंटाना उन्मूलन में घोटाला और कितने घोटाले पर आज तक कोई कार्यवाही का ना होना एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।