मरवाही में हुए 3 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़े अफसरों पर गिरेगी गाज, आईएएस पति संजय त्रिपाठी…..
मरवाही में हुए 3 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़े अफसरों पर गिरेगी गाज, आईएएस पति संजय त्रिपाठी…..
रायपुर. मरवाही वन मंडल में फैले भ्रष्टाचार को कोई सीमा नहीं है लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है , कैंपा भ्रष्टाचार में हुए कार्यवाही का भी फर्क मरवाही वन मंडल में देखने को नहीं मिल रहा है…अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी भ्रष्टाचार में लिप्त है…. कभी पौधारोपण तो कभी पेड़ कटाई और कभी निर्माण के नाम पर सरकारी खजाने के बंदरबांट की खबरें आती रही हैं. कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है.
इसी तरह के एक मामले में आईएएस अफसर के पति संजय त्रिपाठी और गौरेला पेंड्रा मरवाही के पूर्व डीएफओ सहित आठ के खिलाफ करीब तीन करोड़ की हेराफेरी का खुलासा हुआ है. वन विभाग द्वारा गठित जांच समिति ने इनके खिलाफ अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसमें कितनी राशि की बंदरबांट हुई है, उसका पूरा हिसाब है. इन सबके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. यहां तक कि जिस बैंक से लेनदेन हुआ है,
उसके मैनेजर की भी संलिप्तता पाई गई है.पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ सोमवार को निलंबन के साथ एफआईआर व वसूली के लिए आदेश जारी होने की जानकारी मिल रही है,
गौरतलब है की गौरेला पेंड्रा मरवाही के कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष नारायण शर्मा और सुशांत गौतम ने फर्जी वन समितियों के जरिए पैसों के बंदरबांट की शिकायत की थी. वन विभाग ने इस शिकायत की जांच कराई. वन मुख्यालय के निर्देश पर बिलासपुर के सीसीएफ ने इस मामले की जांच की. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाया. जांच दल ने पाया कि उप समिति रोपणी प्रबंधन समिति चिचगोहना और नेचर कैंप प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई का गठन नियमानुसार नहीं किया गया है.
दोनों समिति में केवल एक ही अध्यक्ष और सचिव है. कोई सदस्य नहीं है. इस तरह फर्जी समिति में पैसे का ट्रांसफर कर निकाले गए. जांच में मूलचंद कोटे और एचडीएफसी बैंक मरवाही के मैनेजर की संलिप्तता सामने आई है. जांच में पैसे का गफलत पाया गया. अधिकारियों पर आरोप है कि फर्जी समिति गठित कर बड़ी राशि का गबन किया गया. समिति के नाम पर सरकारी तीन करोड़ रुपए पार कर लिया गया.
जांच समिति ने लिखा
‘जिन बिंदुओं पर शिकायत हुई है, वह सत्य पाई गई है. शासकीय राशि का नियमानुसार व्यय नही किया गया है. वन वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया गया है. इस परिस्थिति में समस्त संबंधित अधिकारी कर्मचारियों एवं अध्यक्ष के खिलाफ सक्षमता के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाती है. समिति ने जांच रिपोर्ट में लिखा है कि अनियमित व्यय की जानकारी निम्नानुसार है…
अधिकारी/कर्मचारी-राशि
राजेश मिश्रा, डीएफओ-5065111 रुपए
संजय त्रिपाठी, डीएफओ-9930643 रुपए
एके चटर्जी, एसीएफ-2796690 रुपए
दरोगा सिंह मरावी, डिप्टी रेंजर-7569758 रुपए
सौंखी लाल सिंह-506825 रुपए
अश्वनी दुबे, वनपाल-201000 रुपए
इंद्रजीत सिंह कंवर, डिप्टी रेंजर-172541 रुपए
सुनील चौधरी, वन रक्षक-3748937 रुपए