करोड़ो के घोटाले के दोषी IAS पति प्रभारी डीएफओ पर अब तक कोई कार्यवाही नही , सैया भय कोतवाल तो डर कहे का , 

करोड़ो के घोटाले के दोषी IAS पति प्रभारी डीएफओ पर अब तक कोई कार्यवाही नही , सैया भय कोतवाल तो डर कहे का , 

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : – मरवाही वनमंडल में हुए करोड़ो के घोटाले में दोषी पाए गए छोटे कर्मचारियों को तो निलंबित कर दिया गया मगर फर्जी समिति गठित कर शासन को करोड़ो रूपये का चूना लगाने वाले दोषी IAS के पति प्रभारी डीएफओ पर कार्यवाही करने के नाम पर उच्चाधिकारियो के पसीने छूट रहे है . बता दे कि मामले की दो बार सीसीएफ और प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय रायपुर द्वारा जांच की जा चुकी है दोनों की जाँच रिपोर्ट में दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी वही मामले में एक वनरक्षक , तीन डिप्टी रेंजर एवं दो रेंजरों पर निलबंन की कार्यवाही की गई वही घोटाले के मास्टरमाइंड प्रभारी डीएफओ , समिति अध्यक्ष समेत शाखा प्रबंधक पर कार्यवाही न होने से शासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे है .

एक तरफ सरकारे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का दावा करती है मगर वही जब शासन ही ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने लगेगा तो आम जनता का भरोशा आखिर कैसे कायम हो पायेगा सूत्र बताते है कि मामले में प्रभारी डीएफओ पर कार्यवाही न होने का बड़ा कारण उनकी पत्नी है , यह बात इसलिए भी सही साबित होती है चुंकि मामले की जाँच हुए लगभग एक माह बीत चुका है जिसमे जांच दल में अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंषा की है मगर अब तक कार्यवाही न होना यह बताता है कि IAS का रुतबा क्या होता है .

आपको बता दे इसके पहले भी प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके है मगर वो कहावत है सैया भय कोतवाल तो फिर डर कहे का यह मुहावरा संजय त्रिपाठी पर अच्छा चरितार्थ होता नजर आता है .

आपको बता दे यह घोटाले का मामला सदन में भी गूंजने वाला है देखने वाली बात यह होगी कि एक आईएएस का दबदबा क्या विधानसभा की कार्यवाही पर भी असर डाल पायेगा या संलिप्त दोषी अधिकारियो को अभय दान दे दिया जाएगा