पोड़ी उपरोड़ा: तहसीलदार के स्थगन आदेश को धता बताकर किसान के फसल की चोरी,पीड़ित किसान ने पुलिस से की शिकायत…
पोड़ी उपरोड़ा: तहसीलदार के स्थगन आदेश को धता बताकर किसान के फसल की चोरी,पीड़ित किसान ने पुलिस से की शिकायत…
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा/रावा:जिला कोरबा के विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा में शायद शासन के नियमो का कोई वजूद नही है जो यहाँ के रसूखदार व दबंग व्यक्ति अपने बलबूते पर शासन के नियम कायदों की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर इठलाते घूमते हैं मानो इन्हें शासन के नियमो कायदों से कोई लेना देना नही है,ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये अपने बलबूते पे कुछ भी कर सकते हैं, जी हाँ, एक ऐसा ही मामला पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पंचायत रावा से सामने आया है, जहां एक जमीन विवाद के मामले पर तहसीलदार ने स्थगन आदेश जारी किया था,जिसमें स्पष्ट उल्लेख था कि जमीन विवाद के निराकरण तक दोनों पक्षों को उक्त जमीन में कोई भी प्रतिक्रिया नही करनी है,वही दूसरे पक्ष ने माननीय तहसीलदार के आदेश को धता बताते हुए प्रथम पक्ष के द्वारा लगाई गई फसल को खुलेआम काटकर जबरन तरीके से घर ले गया,जहां प्रथम पक्ष ने जड़गा चौकी में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।
आपको बता दे कि यह पूरा मामला विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के अधीनस्थ ग्राम पंचायत रावा का है जहाँ रावा निवासी कल्याण सिंह पिछले कई दशकों से अपने हक भूमि खसरा न. 107/1 रकबा 0.417 पर घर बनाकर निवासरत है एवम शेष भूमि पर खेती किसानी का कार्य करता है।वही बनवार निवासी सनातन तिर्की पिता अशेरुप तिर्की कल्याण सिंह की हक भूमि पर अपना स्वामित्व होने का दावा कर रहा है।लिहाजा दोनों पक्षों के बीच विवाद जैसी स्थिति बनी रहती है।दरअसल सनातन तिर्की खसरा न. 181 की रजिस्ट्री पेपर दिखाकर कल्याण सिंह के हक भूमि को अपनी भूमि बता रहा है वही रावा के स्थानीय ग्रामवासियों की माने तो सनातन तिर्की ने कब रावा में जमीन खरीदी है इसकी किसी को भी जानकारी नही है अब यह कल्याण सिंह की हक भूमि पर किस उद्देश्य से हक जमाना चाह रहा यह समझ से परे है,यहां यह बताना लाजमी होगा कि ग्राम रावा मसाहति गाँव है जिसका शासन के पास कोई नक्शा नही है अब बिना नक्शे के रजिस्ट्री कैसे संभव हो सकती है।बहरहाल आपको बता दे कि दोनों पक्षों का यह विवाद पिछले दो सालों से पोड़ी तहसीलदार कोर्ट में लंबित है।दोनों पक्षों के विवाद को लेकर पोड़ी तहसीलदार किशोर शर्मा ने उक्त भूमि विवाद के निराकरण होने तक स्थगन जारी किया है ताकि दोनों पक्ष उक्त भूमि पर कोई भी प्रतिक्रिया ना कर पाए।
उक्त भूमि पर स्थगन आदेश जारी है जिसकी जानकारी सनातन तिर्की व कल्याण सिंह को भलीभांति है लेकिन सनातन तिर्की ने जबरन तरीके से स्थगन आदेश का उल्लंघन कर धान की फसल को काट दिया है और खुलेआम बेख़ौफ़ तरीके से धान को अपने घर भी ले गया है,वही प्रथम पक्ष याने कल्याण सिंह सनातन तिर्की की दादागिरी को निहारते रह गया, कल्याण को यकीन था कि तहसीलदार ने स्थगन आदेश जारी किया है तो कोई भी उसकी फसल को नुकसान नही पहुचा सकता है,लेकिन सनातन तिर्की ने कोर्ट के आदेश की अवमानना कर जता दिया कि ऐसे आदेश का कोई औचित्य नही है।शासन को ऐसे लोगो पर कड़ी कार्यवाही करने की नितांत आवश्यकता है ताकि वे शासन नियम कायदों का ईमानदारी से पालन करें।अब देखना ये है कि माननीय तहसीलदार कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर शासन सनातन तिर्की पर क्या कार्यवाही करता है या पोड़ी उपरोड़ा में यू ही शासन के नियमो की अवहेलना होती रहेगी।