Gaurela pendra Marwahi: शिक्षा विभाग के रत्न ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला पर कब होगी कार्यवाही? या यूं ही इनका घोटाला जारी रहेगा ?
शिक्षकों से वसूली में माहिर गौरेला बीईओ संजीव शुक्ला के खिलाफ शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री से की थी शिकायत,
बीईओ के खिलाफ शिक्षकों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण करने गंभीर आरोपी बीईओ संजीव शुक्ला के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी को भी सौंपा गया था ज्ञापन,
जिला शिक्षा अधिकारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को संरक्षण दे रहे ?
गौरेला पेंड्रा मरवाही: शिक्षा विभाग के लिए सर का दर्द बन चुके घोटालेबाज ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान स्थापित करने में लगे हुए है, इसकी वजह राजनीतिक संरक्षण का होने बताया जा रहा है, इसकी वजह से ही संजीव शुक्ला को ना ही कार्यवाही का डर है और ना ही इनका घोटाला कम होने का नाम ले रहा है, गौरतलब है की जिले के सबसे विवादित और भ्रष्ट अधिकारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला लगातार आरोपों से घिरते दिख रहे है, इनका मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है, अपनी भ्रष्ट कार्यशैली के लिए ख्याति प्राप्त संजीव शुक्ला पूर्व में अवैध वसूली, फर्जी अनापत्ति प्रमाणपत्र,के लिए मशहूर थे अब इनके ऊपर शिक्षको को प्रताड़ित करने का आरोप लगा हुआ है,
बता दे की शिक्षकों के स्वत्वों के निराकरण के लिए वसूली में माहिर गौरेला बीईओ संजीव शुक्ला के खिलाफ गौरेला विकासखंड के शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और जिला शिक्षा अधिकारी गौरेला पेंड्रा मरवाही को भी शिकायत की है। बीईओ संजीव शुक्ला के खिलाफ शिक्षकों ने आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना जैसा गंभीर शिकायतें की हैं। शिक्षक 10 फरवरी को छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के पेंड्रा में अरपा महोत्सव के दौरान लिखित रूप से शिकायत कर चुके हैं तथा जिला शिक्षा अधिकारी गौरेला पेंड्रा मरवाही कार्यालय में जाकर बीईओ संजीव शुक्ला के खिलाफ शिकायत की है।
छत्तीसगढ़ में सरकार किसी की हो अधिकारी बेखौफ होकर वसूली करते हैं शिक्षा विभाग जो शिक्षकों से वसूली के लिए बदनाम पहले से ही है यहां गौरेला ब्लॉक में लंबे समय से गौरेला के विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों से वसूली के लिए प्रताड़ित करने की शिकायत चल रही है।शिक्षक फेडरेशन गौरेला पेंड्रा के द्वारा 12 फरवरी को शिक्षक फेडरेशन ने जिला शिक्षा अधिकारी गौरेला पेंड्रा मरवाही कार्यालय में जाकर गौरेला विकासखंड के बी ई ओ संजीव शुक्ला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है दो दिन पूर्व 10 फरवरी को अर्पण महोत्सव पेंड्रा के कार्यक्रम के दौरान इन्हीं शिक्षकों ने शिक्षक फेडरेशन के ही तत्वाधान में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को ज्ञापन सौंप कर शिकायत की थी तथा उनकी अनियमितताओं एवं प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने की मांग की थी।
शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को बताया कि हमारे विकासखंड कार्यालय गौरेला में शिक्षकों द्वारा नियमानुसार चिकित्सा का अवकाश लेने पर फिटनेस सर्टिफिकेट (स्वास्थ्य प्रमाण पत्र) जमा करने के उपरांत भी कई महीनो तक अकारण उक्त अवधि का वेतन रोक कर प्रताड़ित किया जाता है जबकि उस अवधि में शिक्षकों को आर्थिक मदद की नितांत आवश्यकता होती है परंतु बीईओ मामले के निराकरण में संवेदनहीन बने रहते हैं। इसी तरह विगत वर्ष सहायक शिक्षक से पदोन्नत कुछ प्राथमिक प्रधान पाठकों को लगभग 1 वर्ष 3 माह उपरांत भी सहायक शिक्षक का वेतनमान लेवल 6 ही दिया जा रहा है जबकि उन्हें पदोन्नति तिथि से लेवल 8 का वेतनमान दिया जाना था संबंधित प्रधान पाठक द्वारा कार्यालय में कई बार आबेदन दिया गया है अधिकारी द्वारा गोल-गोल जवाब देकर टालमटोल किया जाता है। शिक्षकों के भुगतान के मामले में अधिकारी द्वारा गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया जाता है।
शिक्षक फेडरेशन की शिकायत है कि विगत दिनों संकुल ललाती में कार्यरत शिक्षिका श्रीमती मनीषा राठौर सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला गांधीनगर का एक दिवस का अवैतनिक की कार्यवाही कीगई थी परंतु कार्यालय के लापरवाही से उनके स्थान पर मनीषा साहू सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला डोंगरी टोला संकुल सेमरा का एक दिवस का वेतन काटा गया है अधिकारी के इस उदासीन रवैया के कारण संबंधित शिक्षिका को अकारण आर्थिक एवं मानसिक समस्या का सामना करना पड़ा। एक गंभीर शिकायत शिक्षक फेडरेशन की है कि शासन द्वारा प्रदाय 4% महंगाई भत्ता का माह अगस्त 2023 का एरियस भुगतान कई प्रधान पाठकों का अभी तक लंबित है इसके लिए संबंधित शिक्षकों एवं संगठन के द्वारा कई बार आवेदन दिया जा चुका है लेकिन 5 माह उपरांत भी भुगतान नहीं किया गया है इस तरह शिक्षकों को आर्थिक रूप से परेशान करके विकासखंड शिक्षा अधिकारी गौरेला संजीव शुक्ला द्वारा शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
शिक्षक फेडरेशन ने शिक्षिकाओं की समस्या को रखते हुए बताया कि गौरेला विकासखंड कार्यालय में संतान पालन अवकाश के लिए पात्र शिक्षिकाओं द्वारा नियमानुसार आवेदन देने के पश्चात भी उन्हें कार्यालय द्वारा समय सीमा के अंदर स्वीकृत,अस्वीकृत की सूचना नहीं दी जाती है अपितु संबंधित को अनाधिकृत व्यक्ति से मिलने की सलाह दी जाती है। एक गंभीर शिकायत विकास खंड शिक्षा अधिकारी गौरेला के खिलाफ यह है कि उनके विकासखंड गौरेला कार्यालय में अनाधिकृत व्यक्ति से कार्यालय का कार्य कराया जाता है जिससे कार्यालय में भारी अव्यवस्था फैली हुई है, कई अनियमितता के कारण शिक्षक परेशान रहते हैं अपनी समस्याओं को जब संबंधित शाखा से संपर्क किया जाता है तो शाखा प्रभारी को इस संबंध में कोई भी दी जाती है! जानकारी नहीं रहती है, उनके द्वारा अनाधिकृत व्यक्ति से संपर्क करने की सलाह दी है
इसी तरह वर्तमान शिक्षा सत्र में विकासखंड शिक्षा अधिकारी गौरेला द्वारा अधिकांश विद्यालयों का निरीक्षण किया गया एवं कई शिक्षकों को मात्र 1 से 5 मिनट विलंब होने पर स्पष्टीकरण जारी किया गया, कुछ शिक्षकों पर भेदभावपूर्ण कार्यवाही करते हुए मात्र कुछ मिनट विलंब के लिए पूरे विवस का अवैतनिक करने की कार्यवाही की गई। इससे प्रतीत होता है कि निरीक्षण का उद्देश्य शैक्षणिक गुणवत्ता का विकास नहीं बल्कि कुछ और है। शिक्षक फेडरेशन गौरेला पेंड्रा मरवाही के अनुसार विकासखंड गौरेला में खंड शिक्षा अधिकारी के रूप में डॉक्टर संजीव कुमार शुक्ला की पदस्थापना हुई है तभी से उनके द्वारा अवसर तलाश कर एक सूत्रीय कार्यक्रम शिक्षकों को आर्थिक एवंमानसिक प्रताड़ित करना है।
इन्हीं सब मुद्दों पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से 10 फरवरी को शिकायत के बाद आज 12 फरवरी को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मोर्चा खोल दिया परंतु जिला शिक्षा अधिकारी गौरेला पेंड्रा मरवाही जगदीश शास्त्री कार्यालय में नहीं मिले और शिक्षक फेडरेशन ने समग्र शिक्षा के श्री जाटवर को ज्ञापन सौंपा। विकासखंड शिक्षा अधिकारी गौरेला के खिलाफ शिकायत करने वालों में शिक्षक फेडरेशन केअमिताभ चटर्जी, (ब्लॉक अध्यक्ष गौरेला)
दिनेश राठौर (जिला अध्यक्ष)
यज्ञ नारायण शर्मा (जिला सचिव)
अजय चौधरी (महासचिव)
ओम प्रकाश सोनवानी (ब्लॉक अध्यक्ष पेंड्रा)
किरण रघुवंशी
महेंद्र मिश्रा
धर्मेंद्र कैवर्त
रत्नेश सोनी
राजकुमार पटेल
तुलसीराम राठौड़
अवध लाल कश्यप
चेतन राठौड़
चंद्र निकेश पैकरा
महेंद्र कुमार बंजारा
मनीषा साहू
अनुपमा गुप्ता
सौदामिनी योगी
भुनेश्वर साहू।
विनोद तिवारी
घनश्याम क्षत्रिय
रमेश कुमार कंवर
मया राम वाकरे शामिल थे।
अब देखना यह है कि शिक्षकों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण करने वाले विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।