बीजापुर जिले में एक आदिवासी युवती की मौत को लेकर विवाद,पुलिस ने बलात्कार और बर्बरता के आरोपों को बताया गलत

बीजापुर_ बीजापुर जिले में  एक आदिवासी युवती की मौत को लेकर विवाद चल रहा है.

एक तरफ आदिवासी  मृतका के परिवार वाले जवानों  पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगा रहे हैं.

वहीं  पुलिस का ये कहना है कि, मृतका माओवादी थी और जवानों के साथ भिड़ंत में मौत हो गई.

पुलिस ने  बलात्कार और बर्बरता के आरोपों को गलत बताया  है.

फिलहाल, मृतका के परिवार वाले इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

उनका कहना है कि दोषियों सजा दी जाए।

इस मामले में मृतका के परिवार के लोगों ने FIR दर्ज कराने के लिए बीजापुर के नेलसनार थाने में 6 जून को शिकायती पत्र प्रस्तुत किया है.

पत्र में मृतका का नाम रेणु (बदला हुआ नाम) है. वो बीजापुर जिले की भैरमगढ़ तहसील के नीरम गांव की रहने वाली थी.

शिकायत के मुताबिक, रेणु 30 मई की रात को अपनी मां और पड़ोस के एक लड़के के साथ सो रही थी.

अचानक से DRG यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के जवानों ने उसके घर को घेर लिया.

थोड़ी देर बार इन जवानों ने रेणु को पकड़ लिया.

शिकायत में यह भी लिखा है कि जब घर के लोगों ने रेणु को बचाने की कोशिश की, तो जवानों ने उन्हें पीटा.

परिवार की तरफ से की गई शिकायत में आगे लिखा है कि जवान रेणु को घसीटते हुए ले गए.

रात भर परेशान रहने के बाद रेणु के घरवाले 31 मई की सुबह को दंतेवाड़ा कोतवाली की तरफ निकले.

उन्हें लगा कि रेणु को जेल में बंद किया गया होगा.

इंद्रावती नदी के पास उन्हें लोगों के जरिए पता चला कि पुलिस ने रेणु को दो लाख रुपये की ईनामी नक्सली बताकर मार दिया है.