इस मशीन को बनाने के पीछे उनकी प्रेरणा उनकी माँ, रजनीबाई रही हैं। उन्होंने कहा, “मेरे माता -पिता खेतों में मजदूरी करते हैं। इसलिए सुबह उन्हें आठ बजे से पहले घर से निकलना पड़ता है। मम्मी सुबह चार बजे उठ जाती हैं, पर फिर भी निकलने से पहले घर के सभी काम खत्म नहीं हो पाते हैं।”

कुछ समय पहले एरियल कंपनी ने अपना #ShareTheLoad विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन के अंत में कंपनी ने एक तथ्य भी साझा किया है कि घर के कामों के कारण भारत में लगभग 71% महिलाओं को पुरुषों से कम नींद मिल पाती है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि ज्यादातर भारतीय परिवारों में घर की साफ-सफाई, खाना बनाना, बच्चों के काम से लेकर कपड़े धोने तक, सभी कुछ महिलाएं करती हैं। घर के काम के साथ-साथ महिलाएं बाहर कमाने भी जाती हैं। कोई खेतों में अपनी पति का हाथ बंटाती है तो कोई दूसरी नौकरी।

बहुत ही कम महिलाओं के पास सहूलियत होती है कि घर के कामों के लिए वह किसी को काम पर रख लें या फिर परिवार में कोई उनकी मदद कर दे। इस मदद की आशा भी आप परिवार की दूसरी महिलाओं से ही कर सकते हैं, क्योंकि आज भी बहुत ही कम घरों में पुरुष घर के कामों में, खासकर रसोई में मदद करते हैं। मध्यम वर्गीय और निम्न वर्गीय परिवारों में महिलाओं का नौकरी के साथ, घर के काम करना आम बात है। दिन भर की थकन का असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। क्योंकि जितना वे काम करती हैं, उस हिसाब से खाना और आराम उन्हें नहीं मिल पाता है।

यह सच है कि इस समस्या को एक दिन में हल नहीं किया जा सकता है। महिलाओं को उनके हिस्से का पूरा आराम मिले, इसके लिए समाज में काफी ज्यादा बदलाव की जरूरत है, जो एक दिन का काम नहीं है। इसलिए मध्य प्रदेश की एक बेटी ने अपनी माँ के आराम के लिए एक तकनीकी रास्ता निकाला है। स्कूल में पढ़े विज्ञान के सिद्धांतों को अपनी माँ के कामों को आसान बनाने के लिए लगाया है और उसकी मेहनत का नतीजा यह है कि उसके बनाए मॉडल को देशभर में प्रथम स्थान मिला है।

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के पिपरिया के पास डोकरीखेड़ा गांव में रहने वाली 14 वर्षीया नवश्री ठाकुर ने रसोई का काम आसान करने के लिए एक बहुपयोगी मशीन बनाई है। इस अनोखी मशीन को बनाकर 10वीं कक्षा की छात्रा नवश्री ने ‘युवा आविष्कारक’ की पहचान हासिल की है। नवश्री ने द बेटर इंडिया के साथ बात करते हुए अपने सफर और आविष्कार के बारे में विस्तार से बताया।

एक साधारण परिवार से संबंध रखने वाली नवश्री, गर्ल्स हाई स्कूल, पिपरिया में पढ़ती हैं। उन्होंने बताया कि अपनी शिक्षिका आराधना पटेल के मार्गदर्शन में उन्होंने यह मशीन बनाई है, जिसका स्लोगन है ‘झट-पट काम, माँ को आराम।’ वह कहती हैं कि अपनी इस मशीन पर उन्होंने आठवीं कक्षा से काम करना शुरू किया था। सबसे पहले उनकी मशीन को उनके स्कूल में और फिर जिला स्तर की प्रतियोगिता में चयनित किया गया। इसके बाद, भोपाल में भी इसे प्रतियोगिता के लिए चुना गया और अब उनकी मशीन ने राष्ट्रीय स्तर का सम्मान ‘इंस्पायर अवॉर्ड’ हासिल किया है।

इस मशीन को बनाने के पीछे उनकी प्रेरणा उनकी माँ, रजनीबाई रही हैं। उन्होंने कहा, “मेरे माता -पिता खेतों में मजदूरी करते हैं। इसलिए सुबह उन्हें आठ बजे से पहले घर से निकलना पड़ता है। मम्मी सुबह चार बजे उठ जाती हैं, पर फिर भी निकलने से पहले घर के सभी काम खत्म नहीं हो पाते हैं।”

नवश्री और उनकी बड़ी बहन हमेशा माँ की मदद करने की कोशिश करते हैं। लेकिन उनका स्कूल पिपरिया में है और इसलिए सुबह उन्हें भी स्कूल के लिए जल्दी निकलना पड़ता है।

“मम्मी खेतों से काम करके शाम को लौटती हैं और फिर काम में जुट जाती हैं। हम भी पढ़ाई के कारण ज्यादा हाथ नहीं बंटा पाते हैं। इसलिए मैं हमेशा सोचती थी कि कई काम एक साथ करने के लिए कोई मशीन होनी चाहिए,” नवश्री ने बताया।
नवश्री की विज्ञान शिक्षिका आराधना पटेल बताती हैं कि नवश्री पढ़ाई में काफी अच्छी हैं। उन्होंने बताया, “कई बार वह स्कूल के लिए देरी से पहुँचती तो मैं पूछा करती थी। उसने बताया कि घर पर माँ की थोड़ी-बहुत मदद करनी होती है। और इसी तरह चर्चा करते हुए इस तरह का कुछ बनाने का आईडिया आया।”

इसके बाद, स्कूल को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के INSPIRE अवॉर्ड का नोटिफिकेशन मिला। आराधना ने तुरंत नवश्री के आईडिया को प्रतियोगिता के लिए भेज दिया और इस आईडिया को एक ही बार में सलेक्ट कर लिया गया। अपनी शिक्षिका, आराधना के मार्गदर्शन में नवश्री ने इस मशीन को तैयार किया। लकड़ी और स्टील के बर्तन जैसे थाली इस्तेमाल करके बनी इस बहुपयोगी मशीन को हाथ से चलाया जा सकता है, जिसमें बिजली या अन्य खर्च नहीं जुड़ता और यह किफायती है।

मशीन से रोटी बेलने, सब्जी काटने, जूस निकालने, मसाले दरदरे करने जैसे आठ काम किए जा सकते हैं। मशीन में लगने वाले सांचे बदलकर और भी बहुत से काम आप कर सकते हैं। इस मशीन से आप,

पापड़ बना सकते हैं।
पानीपूरी बना सकते हैं।
लहसुन, अदरक कुचल सकते हैं।
सब्जी-फल काटने के अलावा, इनका जूस भी निकाल सकते हैं।
सेव बना सकते हैं।
नारियल या अखरोट तोड़ सकते हैं।
चिप्स बना सकते हैं।
नवश्री कहती हैं कि अगर आपको सब्जी काटनी है तो गोभी आप एक ही बार में इससे काट सकते हैं। एक साथ कई आलू इससे काट सकते हैं। रोटी बेलने के बजाय आप बस आटे की लोई को नीचे वाले फ्लैप पर रखें और फिर ऊपर वाले फ्लैप को इस पर रखें, फिर हैंडल से इन्हें दबा दें। चंद सेकण्ड्स में आपकी रोटी तैयार हो जाएगी और फिर इसे आप सेक सकते हैं।