छत्तीसगढ़ : धर्मांतरण पर फिर बोले पूर्व CM: रमन सिंह ने कहा- CG से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस का संरक्षण; ढाई-ढाई साल पर बोले- कुर्सी दौड़ चल रही
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर से धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है। गरियाबंद में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे रमन ने कहा कि ढाई साल की इस कांग्रेस सरकार में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण चल रहा है। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक धर्मांतरण को कांग्रेस का संरक्षण प्राप्त है। वहीं, ढाई-ढाई साल पर भी रमन ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं में कुर्सी दौड़ हो रही है।
रमन सिंह शुक्रवार को गरियाबंद जिले के छुरा पहुंचे थे। यहां रमन ने कोसंबुड़ा घाट में पौधारोपण कर तीज मिलन कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और भाजपा नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए रमन ने एक बार फिर से नान घोटाले को लेकर भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ED के सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में भूपेश सरकार नान घोटाले के दो आरोपियों को बचाने में लगी है, इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की स्थिति ठीक नहीं रमन सिंह ने पंजाब की राजनीतिक हालत का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की स्थिति ठीक नहीं है। रमन ने कहा कि कांग्रेस का ढाई ढाई साल का मुख्यमंत्री का मुद्दा जल्द नहीं सुलझने के कारण प्रदेश का विकास पूरी तरह से रुक गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं में कुर्सी दौड़ हो रही है, सरकार विकास के मुद्दों को छोड़कर कुर्सी के पीछे दौड़ लगा रही है।
धर्मांतरण पर लगातार हमलावर है बीजेपी
दरअसल, धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर बीजेपी इन दिनों लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी नेता धर्मांतरण को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। खासकर रमन सिंह भी बयान दे चुके हैं। इसके पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि छत्तीसगढ़ में यदि धर्मांतरण बंद नहीं हुआ तो भारतीय जनता पार्टी ईंट से ईंट बजा देगी। सरकारी संरक्षण में जो धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है उसे रोकने भाजपा का कार्यकर्ता चाहे पानी गिरे या आग बरसे डिगने या हटने वाला नहीं है। रमन का ये ट्वीट रायपुर में बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद आया था। यहां रमन सिंह समेत तमाम नेताओं ने बरसात में भींगते हुए राजधानी की सड़कों पर धर्मांतरण के खिलाफ शांति मार्च निकाला था।