कोरबा : वनभूमि के मुरुम से हो रहा प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण ? वन विभाग बना मूकदर्शक,प्रधानमंत्री ग्राम सड़क में रहा अवैध उत्खनन

कोरबा : कटघोरा वनमंडल के वनपरिक्षेत्र पसान के बैरा जंगल में इन दिनों अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। तथा जिम्मेदार वनविभाग कुम्भकर्णीय निंद्रा में काफी लीन है। जिससे यही प्रतीत होता है कि आईएफएस अधिकारी का अपने कर्मचारियों पर किसी प्रकार का नियंत्रण नही रह गया है और इसी सब का फायदा उठाकर वनभूमि को क्षति पहुचाने वाले लोग अपने मंसूबे को अंजाम दे रहे है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्तमान में बैरा से सेन्हा ,पुटीपखना , मार्ग का नवनिर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है । जिसके लिए बैरा के, वनभूमि का सीना चीर धड़ल्ले से मिट्टी- मुरुम निकालने का काम जमकर किया गया था।और इसके लिए बाकायदा भाजपा नेता द्वारा जेसीबी लगाकर उक्त कार्य को बेखौफ अंजाम दिया जा रहा है। जो वनअमला के नजरों में अबतक दिख नही पाया।जेसीबी से मुरुम- मिट्टी खोदाई कार्य के दौरान बड़े- बड़े पेड़ धराशायी हो रहे है जिनकी संख्या अनगिनत में है।जहां उन धराशायी पेड़ों को आसपास के ग्रामीण काटकर ले जा रहे है। वन विभाग द्वारा वनों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक ग्राम में वन सुरक्षा समिति का गठन कर रखा गया है।इसके अलावा बीटगार्ड भी नियुक्त हैं।जिनका काम अपने वनक्षेत्र की निगरानी करना और वनसंपदा की सुरक्षा करना है।लेकिन वनसुरक्षा समिति की निष्क्रियता तो शुरू से ही बनी हुई है जबकि मौके पर तैनात वनकर्मी चंद रुपयों के लालच में आकर अपने दायित्यों से मुह मोड़ आंख मूंद लेते है।तथा अधिकारी एसी कक्ष में बैठे- बैठे अपने कर्तव्यों का निर्वह करते है।इस प्रकार शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों- करोड़ों खर्च कर वनसंरक्षण एवं संवर्धन की मंशा को कटघोरा वनमंडल के अधिकारी- कर्मचारी पानी फेरने में लगे हुए हैं। जंगल के भीतर से मिट्टी- मुरुम का खनन कर सड़क निर्माण के कार्य को अंजाम दिया जा रहा था।इस मामले को लेकर खनिज एवम वन विभाग से संपर्क किया गया पर उनसे संपर्क नही हो पाया। वही खुलेआम PMGSY रोड में अवैध तरीके से मुरूम खनन से साफ जाहिर होता है कि बिना मिलीभगत से उक्त अवैध उत्खनन का कार्य संभव नही है।

अब जब कोरबा जिला प्रशासन ही निष्क्रिय बनी हुई है तो फिर उनके नीचे के मातहम की निष्क्रियता तो लाजिमी है।