15 लाख की लूट में महिला मास्टरमाइंड ! दुर्ग में इंडियन बैंक के कैशियर से हुई थी लूट, पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

दुर्ग में 13 अक्टूबर की सुबह बैंक कर्मी से 15 लाख रुपए की लूट के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड महिला निकली, जो अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। महिला के इशारे पर ही उसके पति ने अन्य साथियों के साथ मिलकर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। महिला के पति का दोस्त उसी बैंक में डेलीवेजेस में काम करता था और उसी ने रकम ले जाने की बात बताई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 लाख रुपए कैश, दो जिंदा कारतूस, एक कट्टा और मोटरसाइकिल व स्कूटी को बरामद कर लिया है। अभी भी दो आरोपी फरार हैं।

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी बीएन मीणा ने बताया कि 13 अक्टूबर को इंडियन बैंक की कसारीडीह शाखा के हेड क्लर्क राहुल चौहान ने लूट की शिकायत मोहन नगर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस को उसने बताया कि सुबह 9:45 बजे वह इंडियन बैंक शाखा संतरा बाड़ी से 15 लाख रुपए लेकर अपनी एक्टिवा में रख कर इंडियन बैंक की शाखा कसारीडीह जा रहा था। वह जैसे ही पोलसाय पारा, यादव खराद दुकान के पास पहुंचा एक काले रंग की मोटरसाइकिल में सवार 3 लोग चेहरा ढंके हुए आए और उसके सीने में पिस्टल तान दी। इसके बाद उन्होंने उससे स्कूटी ली और वहां से भाग गए। इसके बाद पुलिस की अलग-अलग टीमों ने 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और उस फुटेज को लोगों को दिखाया तो उन्होंने आरोपियों की पहचान की। इसी के आधार पर जब पुलिस आरोपियों तक पहुंची तो मुख्य आरोपी राजीव रंजन गोस्वामी की पत्नी अनीता गोस्वामी (32 वर्ष) और नितिन सिंह राजपूत (25 वर्ष) बिहार भाग चुके थे। पुलिस ने मुख्य आरोपी राजीव रंजन सहित सुनील पाण्डेय और आतिश गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दो आरोपी अनीता गोस्वामी और नितिन फरार हैं।

बैंक की लापरवाही आई सामने

इस पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। सबसे बड़ी लापरवाही की उनके द्वारा इतना बड़ा कैश बिना किसी सुरक्षा के एक व्यक्ति के भरोसे स्कूटर से भेजा जाता है। ऐसा काफी समय से होता आ रहा है। इसी का फायदा उठाकर बैंक की कसारीडीह शाखा में डेलीवेज पर काम करने वाले सुनील पाण्डेय ने कैश ले जाने की सूचना राजीव को दी थी। इतना ही नहीं जिस राहुल चौहान के साथ लूट हुई वह पुलिस को यह भी नहीं बता पा रहा था कि उसके साथ 15 लाख की लूट हुई या 20 लाख की। उसके गलत जानकारी देने से पुलिस गुमराह हुई और आरोपियों को भागने का मौका मिला। पुलिस ने राहुल चौहान को भी संदेह के दायरे में रखा था, लेकिन बाद में वो निर्दोष निकला।

बिहार के आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम

इस घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी राजीव रंजन गोस्वामी (36 वर्ष), आतिश गोस्वामी (20 वर्ष), नितिन सिंह राजपूत और अनीता गोस्वामी पत्नी राजीव रंजन गोस्वामी मूलत: गोपलगंज जिला बिहार के रहने वाले और वर्तमान में सेक्टर 7 सड़क नंबर 35 में निवासरत हैं। वहीं, सुनील पाण्डेय शंकर नगर दुर्ग का रहने वाला है। कुछ समय राजीव रंजन गोस्वामी जोमैटो में डिलिवरी ब्वाय के पद पर था उसी दौरान इसकी दोस्ती सुनील पाण्डेय से हुई।

पत्नी थी मामले की मास्टर माइंड

इस पूरे मामले की मास्टर माइंड मुख्य आरोपी राजीव रंजन की पत्नी अनीता है। राजीव ने उसे अपने बैंक कर्मी दोस्त के बारे में बताया था। इसके बाद अनीता के कहने पर ही उसने बिहार से अपने रिश्तेदार नितिन सिंह को भिलाई बुलवाया और उसे अपने घर पर ही रखा। इसके बाद अनीता ने बैंक कर्मी दोस्त से रेकी करने को कहा। जैसे ही उन्हें सही टिप मिली उसके पति राजीव, आतिश और नितिन ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। लूट के बाद रुपए का बंटवारा कर 5 लाख रुपए लेकर अनीता नितिन के साथ बिहार भाग गई। शेष 10 लाख रुपए को पुलिस ने जब्त किया।

पहले भी लूट की वारदात को दे चुके हैं अंजाम

इन आरोपियों ने इससे पहले भी दुर्ग बस स्टैंड में गत 9 जुलाई को एक 75 वर्षीय बुजुर्ग के साथ लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। राजनांदगांव निवासी तेजराम साहू ने घटना के दिन इंडियन बैंक की कसारीडीह शाखा से 80 हजार रुपए पेंशन निकाली थी। इसकी जानकारी सुनील पाण्डेय ने राजीव को दी थी। इसके बाद तीनों आरोपी स्कूटी से दुर्ग बस स्टैंड पहुंचे और बुजुर्ग से लूट कर फरार हो गए थे। पकड़े न जाने से इनके हौसले बुलंद हो गए और इन्होंने दूसरी बार फिर लूट की घटना को अंजाम दिया।

आरोपियों को पकड़ने में CCTV कैमरे का अहम रोल

इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी में विजय स्पोर्टस, मेमसाहब गारमेंट, उजाला भवन,बीआईटी कालेज, डीएवी स्कूल हुडको, बालाजी केटर्स के यहां लगे सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज से ही पुलिस को आरोपियों का सुराग मिला। इन्हीं कैमरों से आरोपियों के भागने की दिशा, वाहनों के नंबर, पहचान मिली। एएसपी ने कहा कि सभी दुकानों में कैमरे लग जाएंगे तो पुलिस को ऐसे मामलों में मदद मिलेगी।

आईजी ने की 30 हजार रुपए इनाम की घोषणा

लूट के मामले में सफलता मिलने के बाद आईजी ने इस टीम में काम करने वाले सभी अधिकारी और पुलिस कर्मियों को 30 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है।