वनमंडल मरवाही : दलालों का बोलबाला ,नेताओ के मुंह में ताला, छत्तीसगढ़ के एकमात्र डीएफओ जिनके कारनामे के चर्चे विधानसभा तक, कार्यवाही कुछ नही …
बिलासपुर वन वृत्त के मरवाही वनमंडल में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां उजागर..
खुद को भगवान समझते DFO ने नियमों को ताक में रखकर विभाग के डिपो में बिना निविदा प्रक्रिया के खेल मैदान बनवा दिया है, जहां खेल मैदान की जरूरत ही नहीं है
मरवाही के मड़ना डिपो का निर्माण इमारती व जलाऊ लकड़ी रखने के लिए किया गया है। यहां लकड़ियों को सुरक्षित रखकर उसकी नीलामी की जाती थी। डिपो परिसर में प्रभारी DFO संजय त्रिपाठी ने नियमों को दरकिनार कर लाखों रुपए खर्च कर डिपो की जमीन में विभागीय अतिक्रमण कर खेल मैदान बनवा दिया है। यहां प्रोजेक्ट डेवलपमेंट (पीडी) फंड से बास्केटबॉल, वॉलीबॉल व बैडमिंटन कोर्ट बनवा दिया गया है। इससे राशि का बंदरबाट तो हुआ ही है, साथ ही परिसर का रकबा भी कम हो गया है।
सीसी रोड निर्माण पर भी उठे सवाल
मरवाही डीएफओ संजय त्रिपाठी ने मड़ना डिपो में ही वनमंडल अधिकारी कार्यालय परिसर के लिए CC रोड निर्माण कराया गया है। खास बात यह है कि चार साल पहले भी यहां CC रोड बना था, जिसके ऊपर ही कंक्रीट रोड बनाया गया है, जो शासन के नियमों के विपरीत है।
किसी वनमंडल में नहीं है ऐसा बाउंड्रीवॉल
मरवाही वनमंडल में वनों की सुरक्षा के बजाए अधिकारी-कर्मचारी के लिए खेल पर ही ज्यादा ध्यान दिया गया है। साथ ही वन मंडल में ऊंची बाउंड्रीवॉल के साथ ही खेल मैदान, आलीशान बंगला व अन्य सुविधाओं पर राशि खर्च की जा रही है। जिसके लिए न तो उच्च अधिकारियों से सहमति ली गई है और न ही शासन स्तर पर मंजूरी ली गई है, वही कुछ कर्मचारियो ने बताया की रहने के लिए अच्छे आवास की सुविधा करने के बजाय फालतू के खर्च किए जा रहे हैं
विधानसभा में भी उठ चुका है मामला
मरवाही वनमंडल में प्रभारी DFO संजय त्रिपाठी पिछले 8 साल से पदस्थ हैं। रेंजर के पद पर काम करते हुए उन्हें वर्ष 2020 में प्रमोशन देकर SDO बनाया गया। इस बीच तत्कालीन DFO राकेश मिश्रा के रिटायर होने पर PCCF राकेश चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया कि बिलासपुर के वन अनुसंधान डिपो में कार्यरत IFS अधिकारी हेमंत उपाध्याय को मरवाही वनमंडल का प्रभार दिया जाए। लेकिन, महज कुछ घंटों में ही इस आदेश को स्थगित कर दिया गया और हेमंत उपाध्याय की जगह संजय त्रिपाठी को DFO का प्रभार देने का आदेश जारी किया गया। मरवाही मंडल के तमाम गड़बड़ियों सहित पदस्थापना को लेकर विधानसभा में भी सवाल उठाए गए। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है