उमेश दुबे को साहित्य वाचस्पति की मानद उपाधि (डाॅक्टरेट अवार्ड) राष्ट्रीय शिक्षा विद्श्री व अनिता दुबे को राष्ट्रीय पत्रकार विद्श्री से सम्मानित….

उमेश दुबे को साहित्य वाचस्पति की मानद उपाधि (डाॅक्टरेट अवार्ड) राष्ट्रीय शिक्षा विद्श्री व अनिता दुबे को राष्ट्रीय पत्रकार विद्श्री से सम्मानित

बिर्रा -इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय तथा वीर अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में पुण्य सलिला वैनगंगा के तट पर बसा बालाघाट चर्चित नगर जहाँ राष्ट्रीय साहित्य एवं पुरातत्व का 20 वाँ तथा प्रथम अनोखा महाभव्य अनुष्ठान सहयोगात्मक रुप से सादगी पूर्वक आयोजित हुआ। उक्त अवसर पर 15 राज्यों से प्रतिष्ठित साहित्य विद, इतिहास विद, समाज शास्त्री, अधिकारियों प्रथम चरण प्रातः 11 प्रारंभ हुआ, जिसके मुख्य अतिथि अशोक सिंह सरसवार पूर्व विधायक, 

डाॅ.जगदीश चंद्र वर्मा गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), अध्यक्षता, ओमप्रकाश हयारण दर्द, झांसी, ड़ाँ. दिनेशचन्द्र प्रसाद, कलकत्ता (पश्चिम बंगाल), विशिष्ट अतिथियों में तृप्ति अग्रवाल, ड़ाँ.क्रांति खुन्टे कसडोल (छत्तीसगढ़), श्रीमती कविता गहरवार, कुलवंत सिंह सलुजा चांपा (छत्तीसगढ़), एल.सी.जैन, सुभाष गुप्ता, डाॅ.संतोष सक्सेना, प्रो.एम.एन.बापट, ड़ाँ. वीरेन्द्र सिंह गहरवार ‘वीर’, पूरन सिंह भाटिया बालाघाट थे, माँ सरस्वती पूजन, सरस्वती वंदना, स्वागत गीत पश्चात,गंगोत्री वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया गया है, जिसकी प्रधान सम्पादक श्रीमती कविता गहरवार थी तथा अन्य पत्र पत्रिकाओं का विमोचन अतिथि द्वारा किया गया पुरातत्व एवं साहित्य संगोष्ठी के विषय में कोरोना वायरस और भारत तथा कोरोना वायरस से बिगड़ती अर्थव्यवस्था वर्तमान सार्थक भूमिका तथा शिक्षा नीति 2020 पर आदि विद्वानों द्वारा कोविड (कोरोना) के बचाव, रोकथाम, दैनंदिन जीवन यापन पर विस्तृत जानकारी दी। संचालन आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार ‘वीर’ एवं सुश्री मीनाक्षी सिगोतिया ने किया।

 द्वितीय चरण दोपहर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा से जिसके मुख्य अतिथि ढाल सिंह बिसेन सांसद, अध्यक्षता कमल किशोर शर्मा, वर्धा (महाराष्ट्र), विशिष्ट अतिथियों में शिरीष सारडा रायगढ़, ड़ाँ.श्यामा कुर्रे, भिलाई, उमेश कुमार दुबे बिर्रा,अनिता दुबे,(छत्तीसगढ़) कुलदीप बिल्थरे, प्रेम प्रकाश त्रिपाठी, प्रमिला विजेवार, प्रेमलता गुप्ता, अनुराधा गहरवार, मंजू लंगोट आदि जहाँ राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय एवं स्थानीय कवियों द्वारा कोरोना और विभिन्न छंदों पर स्वर रचनाएँ प्रस्तुत कर रसावादन किया। 

तृतीय चरण सांय काल प्रारंभ हुआ, जिसके मुख्य अतिथि कुलवंत सिंह सलुजा चांपा (छत्तीसगढ़), अध्यक्षता आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार ‘वीर’ ने की तथा पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन हुआ, अतिथियों के उद्बोधन पश्चात, प्रारंभ हुआ, विराट अभिनन्दन समारोह जहाँ महानुभाव को साहित्य वाचस्पति की मानद उपाधि (डाॅक्टरेट अवार्ड) राष्ट्रीय साहित्य प्रसार विद्श्री, राष्ट्रीय उत्कृष्ट रचना धर्मी विद्श्री, साहित्य कमल विद्श्री, राष्ट्रीय साहित्य मार्तण्ड विद्श्री, भू-गर्भ विद्श्री, राष्ट्रीय साहित्य मित्र विद्श्री, राष्ट्रीय उत्कृष्ट अभिव्यक्ति विद्श्री, राष्ट्रीय उत्कृष्ट सृजन विद्श्री, राष्ट्रीय सेवा सम्मान विद्श्री, राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मित्र विद्श्री, राष्ट्रीय समाज सेवा विद्श्री, राष्ट्रीय साहित्य कर्म वीर विद्श्री से 15 राज्यों से पधारे 225 साहित्य विदो, पुरातत्व विदो, इतिहास विदो, समाज शास्त्री, पत्रकार समूहों को सर्व स्व.अमीचंद अग्रवाल, स्व.सीताराम चौहान ‘पथिक’ की स्मृति में शाल, अभिनन्दन-पत्र, स्मृति चिन्हों से सम्मानित किया गया। जो रात्रि 7-45 तक चला। दिवंगत साहित्य विदो के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाल कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।अंत में दिवंगत साहित्यविदों को भावांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि तथा आभार व्यक्त आचार्य डाॅ.वीरेन्द्र सिंह गहरवार “वीर” ने किया।