छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई, मंत्री टीएस सिंहदेव बजट सत्र में नहीं लेंगे हिस्सा, दे सकते हैं इस्तीफा…

छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई, मंत्री टीएस सिंहदेव बजट सत्र में नहीं लेंगे हिस्सा, दे सकते हैं इस्तीफा…

 

 

रायपुर: सत्ता के गलियारों से एक ब्रेकिंग खबर आ रही है। पता चला है, पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने से इंकार कर दिया है। पहले वे 16 मार्च तक अवकाश लिए थे। समझा जा रहा था कि होली के बाद 21 मार्च से वे सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। अभी उनके विभाग के बजट पर चर्चा भी नहीं हुई है। उनकी मौजूदगी में चर्चा के बाद पंचायत और स्वास्थ्य विभाग का बजट पारित होता। मगर अब उनको लेकर जिस तरह की खबरें आ रही है, उससे सियासत में भूचाल आ गया है। बताते हैं, टीएस ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को फोन करके बजट सत्र में भाग नहीं लेने की जानकारी दी है। सिंहदेव ने कहा, अब बहुत हो चुका।

खबर है, सिंहदेव के साथ तीन विधायक भी पार्टी छोड़ेंगे। इनमें बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग के एक-एक विधायक शामिल हैं।

सूत्रों का दावा है कि टीएस दिल्ली में हैं और वहां आर-पार के फैसला के बाद ही वे छत्तीसगढ़ लौटेंगे। हालांकि, पांच राज्यों में बुरी तरह हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस के गलियारों में मायूसी पसरी हुई है। ऐसे में, टीएस के सिपहसलार उलझन में हैं कि महाराज अपना दर्द व्यक्त करें तो किससे करें। सिंहदेव से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार बात नहीं बनी, तो वे पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, वे कई मौकों पर बोल चुके हैं कि अंतिम समय तक कांग्रेस में बने रहेंगे। लेकिन सियासत में हर हां के पीछे ना और ना के पीछे हां छिपा होता है।

मोहन मरकाम बोले…

एनपीजी ने टीएस के संभावित इस्तीफे के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सिंहदेव पार्टी के बड़े नेता हैं…उनके पार्टी छोड़ने से नुकसान तो होगा। उन्होंने अपनी बात में ये भी जोड़ा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, कायदे से आदिवासी सीएम बनाना चाहिए। वैसे मैं विवादों से हमेशा दूर रहता हूं। आपने देखा ही होगा, जब सारे विधायक दिल्ली जा रहे थे, मैं अचानकमार टाईगर रिजर्व में आदिवासी नृत्य का लुत्फ उठा रहा था

महंत बोले, मैं हूं न!

सिंहदेव प्रकरण पर विधानसभा अध्यक्ष का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि जनता ने पार्टी को बम्पर विश्वास दिया है… इस तरह का विवाद ठीक नहीं है। मुख्यमंत्रीजी और सिंहदेव जी को मिलकर मामले को सुलझा लेना चाहिए। अगर बात नहीं बनती तो मैं तो हूं ही। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहे तो मैं मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हूं… भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों को लेकर मैं चल सकता हूं।

शुभ-शुभ बोलिये-चौबे

सिंहदेव के इस्तीफे पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि अब बहुत हो गया… जो भी हो, हो जाना चाहिए। क्योंकि, इससे कार्यकर्ताओं में अच्छे संदेश नहीं जा रहे। इस सवाल पर कि कहीं सिंहदेव को आलाकमान आगे बढ़ा दें तो, चौबे बोले… शुभ-शुभ बोलिये, सिंहदेव सीएम बन गए तो मालूम है मेरा क्या होगा। फिर बोले, चलिये अब नो कमेंट्स।

दीवारों के कान होते हैं

ताजा सियासी घटनाक्रम पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि क्या बताएं किस्मत खराब थी… दिग्विजय सिंह ने कहा कि बस चेंज होने ही वाला है… इसलिए मैं विधायकों के साथ दिल्ली नहीं गया। अब मैं इस मामले में कुछ नहीं बोलने वाला… दीवारों के भी कान होते हैं।

सिंहदेव बेहतर

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कायदे से सिंहदेव को सीएम बनना चाहिए। उनके साथ वादाखिलाफी हुआ है। फिर हौले से बोले ऑफ दि रिकार्ड बोल रहा हूं… बाबा के सीएम बनने से फायदा बीजेपी को होगा। ओबीसी वोट फिर पल्टी मार देगा।

परिवर्तन शाश्वत है

पंचायत और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने इस्तीफे पर बड़े विनम्रता के साथ कहा, परिवर्तन संसार का शाश्वत सत्य है। इसके आगे कुछ नहीं बोलूंगा।

इस्तीफा देना है तो दे दें

प्रेस क्लब के होली मिलन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मीडिया ने सिंहदेव के इस्तीफे पर सवाल पूछा तो वे तमतमा गए। बोलें, इस्तीफा देना है, तो दे दें। फिर बात संभालते हुए बोले…. बाबा मेरे मंत्रिमंडल के साथी हैं… आप मीडिया वाले नेताओं को लड़ाने का काम करते हो….ये ठीक नहीं है। विशेष नोट- हमारे साथी आज होली के मूड में खबरें बना रहे हैं… लिहाजा ये जिम्मेदारी आज पाठकों पर… खबरों का कंटेंट देखकर समझ जाएं… कौन सही, कौन होली – बुरा न मानो होली है..!