जीपीएम: मरवाही में अवैध प्लॉटिंग की बनी सूची , आमजन को कार्यवाही का इंतजार…
मरवाही में अवैध प्लॉटिंग की बनी सूची , आमजन को कार्यवाही का इंतजार
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: नवगठित जिले में इन दिनों अवैध प्लॉटिंग का गोरखधंधा जमकर फल-फूल रहा है. भू-माफिया इलाके में कृषि भूमि को खरीदकर, वहां अवैध प्लाटिंग कर डिसमिल के हिसाब से लोगों को बेच रहे हैं…
मरवाही में अवैध प्लॉटिंग की सूची तो बनी परंतु अवैध रूप से किए गए प्लॉटिंग पर कार्यवाही नही की गई है वही सूची तैयार होने के बाद भी कार्यवाही का ना होना , जिला प्रशासन का मौन होना , अपने आप में अनेक सवाल उत्पन्न करता है! पूर्व में मरवाही के तहसीलदार शशि चौधरी द्वारा मरवाही तहसील अंतर्गत भू माफियाओ द्वारा किए गए प्लॉटिंग की सूची तैयार कार्यवाही हेतु एसडीएम को प्रेषित किया गया था ..किंतु कार्यवाही लंबित है
आमजन में सुगबुगाहड़ तेज है की राजनीतिक दवाब के कारण प्रशासनिक दृष्टिकोण का बहाना करते हुए तहसीलदार के हल्का में परिवर्तन करते हुए नायाब तहसीलदार को अवैध प्लॉटिंग से संबंधित ग्रामों का प्रभार सौंपा गया है , मामले में देखना दिलचस्प होगा की जिला प्रशासन अवैध प्लॉट धारियो पर किस तरीके से और कब तक कार्यवाही करता है ….
कॉलोनाइजर बिना सुविधाओं के संचालित करते है
कॉलोनाइजर को संबंधित भूमि की प्लाटिंग करने के लिए लायसेंस, नगर पालिका से डायवर्सन के लिए एनओसी लेना होता है। कॉलोनी बनाने के पहले उसमें क्या सुविधाएं होगी। उसको लेकर रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। करीब 5 एकड़ जमीन कॉलोनाइजर के पास होनी चाहिए।
रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है ,
शासन के आदेश है कि कालाेनाइजरों को अपनी कॉलोनी को रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। जिससे प्लाट खरीदने वाले को परेशान न होना पड़े। कॉलोनी में मिलने वाली सुविधाएं उपभोक्ताओं को मिल सके, लेकिन काॅलोनाइजरों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। l