पाली विकासखंड के शातिर व भ्रष्ट्र आचरण वाले सचिव चंद्रिका ने रनिंग वाटर स्थापना के नाम पर तीन माह पूर्व 1. 94 लाख की राशि निकाल सरपंच के साथ किया बंदरबांट,

पाली विकासखंड के शातिर व भ्रष्ट्र आचरण वाले सचिव चंद्रिका ने रनिंग वाटर स्थापना के नाम पर तीन माह पूर्व 1. 94 लाख की राशि निकाल सरपंच के साथ किया बंदरबांट,

 

 

 

भ्रष्ट्राचार उजागर होने पर कार्यवाही के भय से आनन- फानन में करा रहे कार्य

@- इसके पूर्व कोविड व्यय के नाम पर भी निकाली एक लाख से अधिक की राशि

कोरबा/पाली:-ग्रामीणों के बुनियादी सुविधाओं के लिए पंचायत मद में आए राशि डकारने के मामले में महीनों निलंबित रहने के बाद भी अपनी भ्रष्ट हरकतों से जरा भी बाज नही आने वाले शातिर सचिव चंद्रिका प्रसाद तंवर लगता है मूलभूत, 14वें- 15वें वित्त की राशि को अपनी निजी संपत्ति समझ दुरुपयोग करने में हिचकिचाते नही। शायद यही कारण है कि जिन पंचायतों की जवाबदारी इन्हें मिली, वहां- वहां इन्होंने भ्रष्ट्राचार का रायता फैलाया। पूर्व में ग्राम पंचायत रतखण्डी में रहने के दौरान इनके द्वारा बिना काम कराए लाखों की राशि निकाल ली गई, जिसे लेकर निलंबन की सजा भुगतनी पड़ी, और जब इनको बहाल किया गया तब सम्बंधित अधिकारियों को लगा कि सचिव चंद्रिका अब अपने जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन करेंगे, तथा इन्हें गत 6- 7 माह पूर्व ग्राम पंचायत बारीउमराव की जवाबदारी सौंपी गई। जहां का कार्य सम्हालने के साथ ही इन्होंने पुनः अपने भ्रष्ट्र आचरण का परिचय देते हुए सरपंच के साथ मिलीभगत कर पंचायत मद की राशि का दोहन करना प्रारंभ कर दिया। शातिर सचिव चंद्रिका ने सरपंच जानकी बाई मरकाम से सांठगांठ व मिलीभगत कर प्राथमिक शाला व आंगनबाड़ी भवन में रनिंग वाटर स्थापना (सबमर्सिबल पम्प व पाइप लाइन, सिंटेक्स के जरिये शुद्ध पेयजल की उपलब्धता) के नाम पर 15वें वित्त मद से 1 लाख 94 हजार, जिसके आहरण बाउचर की तिथि जियोटैग में 27 जनवरी 2022 का उल्लेख है, तथा जो राशि निकाली गई उसमें प्राथमिक शाला बारीउमराव में रनिंग वाटर सिस्टम की 40 प्रतिशत प्रथम किश्त राशि 42 हजार 08 सौ, रनिंग वाटर सिस्टम प्राथमिक शाला लीमपानी की 60 प्रतिशत राशि 64 हजार 02 सौ, आंगनबाड़ी केंद्र भवन सुरका में रनिंग वाटर सिस्टम की 60 प्रतिशत राशि 57 हजार एवं पेयजल हेतु सबमर्सिबल पंप स्थापना जनपद फंड से प्रथम किश्त 30 हजार आहरण किया जाने का उल्लेखित है। इस प्रकार सरपंच सचिव ने मिलकर तीन माह पूर्व उक्त राशि का बंदरबांट कर लिया। जिस बंदरबांट की जानकारी पुष्ट सूत्रों से मिलने पर गत दिनों खबर के माध्यम से प्रसारित किया गया। जिससे हड़बड़ाए सरपंच- सचिव द्वारा आनन- फानन में प्रा.शा. व आंगनबाड़ी भवन में रनिंग वाटर सिस्टम स्थापना कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। *इसके पूर्व सचिव चंद्रिका प्रसाद ने इस पंचायत का प्रभार लेते ही सरपंच के साथ मिलकर कोविड व्यय के नाम पर किस प्रकार पंचायत मद के एक लाख से अधिक की राशि का आहरण कर दुरुपयोग किया, इसे भी अगले खबर में प्रसारित किया जाएगा*। बहरहाल यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि कहीं न कहीं संबंधित अधिकारियों- कर्मचारियों के अनदेखी व निष्क्रियता का ही यह दुष्परिणाम है कि ऐसे सचिव और सरपंच के हौसले अनियमितता मामले में काफी बुलंद है और वे ग्राम विकास एवं मूलभूत आवश्यकताओं के पूर्ति के लिए पंचायत खाते में आए राशि को फर्जी बिल के जरिये निकाल खुद का विकास व आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए मनमाना गुलछर्रे उड़ा रहे है।