जीपीएम: Illegal saw machines: बिना लाइसेंस धड़ल्ले से चल रही आरा मशीनें..

Illegal saw machines: बिना लाइसेंस धड़ल्ले से चल रही आरा मशीनें

गौरेला पेंड्रा मरवाही: पर्यावरण को बचाने के लिए एक ओर जहां घर-घर हरियाली का संदेश दिया जा रहा है। वहीं जिले के पेंड्रा इलाके में अवैध आरा मशीनें धड़ल्ले से चल रही हैं। नियमों को ताक में रखकर इन आरा मशीनों में हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ाई (Tree cutting) जा रही है। आश्चर्य की बात है तो यह है कि हरियाली का पाठ पढ़ाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान तक नहीं हैं। पर्यावरण पर चलते कुल्हाड़ों की सब अनदेखी कर रहे हैं। नतीजतन इन पर अंकुश लगने की बजाय आए दिन अवैध आरा मशीनें (Illegal saw machines) बढ़ रही हैं।

अवैध संचालन..

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा वन परिक्षेत्र में विभाग के नाक के नीचे रायपुर के कुछ वन माफियाओ द्वारा खुलेआम अवैध बिना लाइसेंस के कोरबिनियर मशीन कारखाने का विगत एक दो सालो से संचालित किया जा रहा है जिससे जिले में लगातार इमारती पेड़ो की अवैध कटाई जारी है. जिसका परिणाम है पर्यावरण प्रभावित हो रहा हैं जंगल समाप्त होने की कगार पर है…

विवरण रखना है, लेकिन जांच तक नहीं

लाइसेंस शुदा आरा मशीन संचालक को लकड़ी चीरने के दौरान वृक्ष का नाम, चिराई के बाद लकड़ी को बेचने और बचने वाली लकड़ी का विवरण रजिस्टर में अंकित करना होता है। इसके अलावा आरा मशीन परिसर में सूचना पट्ट पर मशीन के बारे में जानकारी, लकडिय़ों का स्टॉक तथा लाइसेंस रखना आवश्यक है। नियमों (rules) की धज्जियां उड़ाने वाले आरा मशीन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई तो दूर वार्षिक जांच तक समय पर नहीं की जाती है।

इनमें से कई संचालक बिना लाइसेंस के दो-तीन आरा मशीन चला रहे हैं। ऐसे में कुछ अवैध आरा मशीनें हाल ही में शुरू की गई हैं। क्षेत्र के लकड़ी माफियाओं के लिए यह मशीनें काफी फायदेमंद साबित हो रही हैं। मानना पड़ेगा कि इलाके में ऐसे पेड़ों की भी कटान (Tree cutting) होती है, जो हरे अथवा प्रतिबंधित हैं। इनका परमिट भी वन विभाग से नहीं मिल पाता है। इन पेड़ों को काटने के बाद इनकी चिराई इन्हीं अवैध आरा मशीनों पर की जाती है। इनसे इन्हें लाइसेंस (license) रद्द होने जैसी किसी बात का डर नहीं रहता।