दीपका के बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद अरुणीश तिवारी ने गेवरा दीपका में हो रहे डीजल चोरी ऊपर उठाया सवाल*

 

दीपका नितेश शर्मा खदानों से हो रही है धड़ल्ले से डीजल *सहित करोड़ों की चोरी सीआईएसएफ के जवान बेरियल खोलने एवं बंद* करने में है मस्त
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ऑफिस *और बेरियल की चौकीदारी छोड़ खदानों में करें ड्यूटी नहीं तो सीआईएसफ के कमांडेंट दें* स्पष्टीकरण
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एसईसीएल गेवरा दीपका कुसमुंडा की खदानों से डीजल चोरी का सिलसिला बहुत पुराना है अब तक अगर पूरा हिसाब लिया जाए तो कई करोड़ का डीजल चोरी यहां से हुआ है और इसमें एक बहुत बड़ा तंत्र काम करता है इस चोरी को रोकने के लिए कई बार जिला पुलिस स्थानीय थाना में तैनात पुलिस बल के द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया गया है पर इस चोरी को ज्यादा दिन तक रोक पाना संभव नहीं हो पाया है ।औद्योगिक सुरक्षा बल सी आई एस एफ की तैनाती भारत सरकार के द्वारा इन बड़ी कोयला खदानों में इस तरह की चोरियों को रोकने के लिए की गई है ऐसा कहना और मानना गलत नहीं होगा बावजूद इसके औद्योगिक सुरक्षा बल में पदस्थ कमांडेंट डिप्टी कमांडेंट एवं असिस्टेंट डिप्टी कमांडेंट रैंक के अधिकारी एवं उनके मातहत कार्य करने वाले इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर कांस्टेबल एवं सुरक्षा बल अपनी ड्यूटी दे रहे हैं 24 घंटे ड्यूटी में रहते हैं लेकिन उनकी ड्यूटी बेरियल को खोलने बेरियल को बंद करने और ऑफिसों की चौकीदारी करने में पूरी हो रही है यह समझ में नहीं आता की जिसऔद्योगिक सुरक्षा बल के जवान देश के बड़े-बड़े हवाई अड्डों में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं और वहां काफी चौकस रहते हैं वही सीआईएसएफ के जवान और कमांडेंट स्तर के अधिकारी सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाली गेवरा दीपका जैसे कोयला खदानों में इस तरह की चोरियां रोक पाने में क्यों मजबूर हैं गेवरा परियोजना में इन दिनों डीजल चोरी को लेकर काफी सर गर्मी चल रही है और कई तरह की बातें लिखी जा रही हैं, कहीं जा रही है किंतु औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ के कमांडेंट से यह पूछना चाहिए की वह एवं उनके मातहत ड्यूटी बजाने वाले सैनिक केवल बेरियल खोलना और ऑफिसों की चौकीदारी करने में ही सक्षम है या खदानों में चोरियां रोक पाने की क्षमता भी उनमें है अगर खदान की चोरियां रोकने में सक्षम है तो वह महाप्रबंधक को बोलकर खदान की ड्यूटी करें बेरियल खोलना और बंद करना छोड़ें अगर उनको यह ड्यूटी नहीं मिलती है तो अपना स्पष्टीकरण दें कि वह खदान की चोरी रोकना चाहते हैं लेकिन उन्हें ड्यूटी वहां करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अन्यथा यही माना जाएगा कि यह सब सांठगांठ का खेल चल रहा है। अगर आने वाले दिनों में इसी तरह चोरियां चलती रही तो मैं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सेना के प्रमुख को पत्र लिखकर हो रही बंदरबाट की चोरी का खुलासा भी करूंगा
अरुणीश तिवारी