मुख्य वन संरक्षक के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे नवनियुक्त डीएफओ पटेल: दरोगा सिंह मराबी को हटाने में डीएफओ नही ले रहे दिलचस्पी..
मुख्य वन संरक्षक के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे नवनियुक्त डीएफओ पटेल: दरोगा सिंह मराबी को हटाने में डीएफओ नही ले रहे दिलचस्पी..
मरवाही वन मंडल अंतर्गत वन परीक्षेत्र मरवाही का है जहां प्रधान मुख्य वन संरक्षक के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए लगातार तीन वर्षों से रेंजर के पद पर डिप्टी रेंजर दरोगा मरावी पदस्थ है
जब कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्पष्ट आदेश जारी किया गया है बिना अनुमति अनुमोदन के किसी भी वन क्षेत्रपाल कर्मचारियों की पदस्थापना आदेश जारी नही किया जायेगा…मुख्य वन संरक्षक कार्यालय की अनुमति अनुमोदन के वन क्षेत्रपाल/उपक्षेत्रपाल को परिक्षेत्र का प्रभार न देवे , स्पष्ट आदेश जारी किया गया है ..परंतु मरवाही वन मंडल के नवनियुक्त डीएफओ पटेल भी आदेश का पालन नहीं करवा पा रहे है…आदेश के खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है
बता दे की मरवाही वन मंडल में 4 वन परिक्षेत्र है जहां 3 वन परिक्षेत्र अधिकारी में बदलाव किया जा चुका है परंतु लगातार तीन वर्षो से अधिक समय से दरोगा मरावी को मरवाही वन परिक्षेत्र में रेंजर के पद पर बनाए रखना कही न कही भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए किया गया है…बताया जाता है की दरोगा मरावी का मरवाही में वन परिक्षेत्र अधिकारी बने रहने के पीछे एसडीओ संजय त्रिपाठी की साजिश है जिससे किए गए भ्रष्टाचार में लीपापोती किया जा सके…वही नवनियुक्त डीएफओ को आदेश के बारे में जानकारी होते हुए भी दरोगा को मरवाही से न हटाकर वही बनाए रखना…डीएफओ की कार्य शैली पर सवाल खड़े करता है
मरवाही में भ्रष्टाचार पैसों का खेल किस तरह हावी है, इसका अंदाजा इस समय विभाग के कार्यप्रणाली से लगाया जा सकता है। अधिकारी व कर्मचारी पैसों के खेल में इस कदर संलिप्त हो गए हैं कि ट्रांसफर होने के बाद भी जाने को तैयार नहीं है। दरोगा मरावी को संजय त्रिपाठी का एटीएम मशीन भी कहा जाता है….अब देखना दिलचस्प होगा की मुख्य वन संरक्षक द्वारा किस प्रकार से कार्यवाही की जाती है ..