मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले राजेश और डीएफओ मरवाही का त्रिपाठी मोह ? छोटे कर्मचारियो पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर वाहवाही लूटने में लगा विभाग ? संजय त्रिपाठी के शिकायतों पर मौन क्यो?

मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले राजेश और डीएफओ मरवाही का त्रिपाठी मोह

 

 

छोटे कर्मचारियो पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर वाहवाही लूटने में लगा विभाग

संजय त्रिपाठी के शिकायतों पर मौन क्यो?

मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर और डीएफओ मरवाही का घोटालेबाज त्रिपाठी को खुला संरक्षण ?

शिकायतों पर कार्यवाही न कर आखिर मौन क्यो?

गौरेला पेंड्रा मरवाही- मामला मरवाही वन मण्डल का है जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियो के शिकायतों को कोई महत्व न दे शिकायतों को दबा दिया जा रहा है ,अनुसूचित जनजाती प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष गौरेला पेंड्रा मरवाही के धनसिंह कंवर ने अपने पत्र क्रमांक01 दिनाक 21-4-2022 को कुल 8 बिंदु में शिकायत विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, वनमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, मुख्य मंत्री एवम् मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले और डीएफओ मरवाही को किया था.. परंतुआज दिनाक तक उक्त शिकायत में कोई कार्यवाही या जाँच नही की गई इसी प्रकार असंगठित कामगार मजदूर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही श्री दुर्गा प्रसाद ने भी अपने पत्र क्रमांक Q1 दिनाक 21-4-2022 को किया था परंतु इसमें भी आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही या जांच हुई समझ से परे है ?

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएफओ पटेल द्वारा शिकायतो के आधार पर मरवाही रेंज में स्टाम डेम एवम् प्लांटेशन के बिना राशि गबन की जांच तत्कालीन एसडीओ के पी डिंडोरे एवम् प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी गौरेला गोपाल प्रसाद जांगड़े की टीम से कराई गई थी जिसमे मरवाही रेंज के कुछ प्लांटेशन जो पूर्व वर्षो में कराए गए थे उनमें स्वीकृत रकबा में कम रकबा में प्लांटेशन कराना पाया गया था जिसकी वसूली एवम उचित कार्यवाही हेतु प्रस्ताव मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर को डीएफओ मरवाही द्वारा दिया गया जिसमे मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले ने मामला रफा दफा कर फाइल ठंडे बस्ते में डाल दिया….आपको बता दे की इसी मामले में पूर्व में कैंपा में मुख्य अधिकारी श्री निवासन राव ने संजय त्रिपाठी को चेतावनी दी थी.!

इसी प्रकार मरवाही रेंज में जांच में यह सामने आया कि कुछ स्टाप डेम स्वीकृत हुए थे उसे प्रभारी रेंजर और एसडीओ ने बिना बनाये ही राशि बुक कर किया था, जिसका जांच प्रतिवेदन के पी डिंडोरे ने वनमंडल अधिकारी मरवाही सौपा था..पर पटेल ने उक्त जाँच रिपोर्ट में कार्यवाही न कर संजय त्रिपाठी को कुछ समय के लिए वाकओवर दे दिया.. जिससे दरोगा सिंह मरावी और त्रिपाठी ने समय पाकर उक्त स्वीकृत स्टॉप डेम को आनन फानन में बना दिया गया स्टॉप डेम का निर्माण गुणवत्ताहीन है क्योकि स्टॉप डेम को पकने का समय ही नही मिल पाया इस प्रकार एसडीओ संजय त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत को लगातार नजरअंदाज कर पूर्ण रूप से संरक्षण मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले द्वारा व डीएफओ मरवाही द्वारा संजय त्रिपाठी व दरोगा सिंह मरावी को दिया जाना समझ से परे है .?

देखना दिलचस्प होगा की क्या अब विभाग कार्यवाही करेगा या दरोगा सिंह मरावी और त्रिपाठी को बचाने वन विभाग के अधिकारी अपना सब कुछ झोंक देंगे..वही आम जन मानस में चर्चा हो रही है कि ये अधिकारी विभाग के छोटे कर्मचारियों , लिपिक की बर्खास्तगी में डीएफओ द्वारा कोई मौका न दे एकतरफा कार्यवाही किया गया छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही कर मुख्य वन संरक्षक, डीएफओ विभाग अपनी वाहवाही लूटने में लगा है, वही बड़े घोटालेबाज संजय त्रिपाठी पर कार्यवाही करने से सभी के हाथ कॉप रहे है….!