Marwahi; वन विभाग के अधिकारियों का दोहरा चरित्र….एक कि बर्खास्तगी तो दूसरे को संरक्षण ?

वन विभाग के अधिकारियों का दोहरा चरित्र आया सामने…..एक कि बर्खास्तगी तो दूसरे को संरक्षण ?

 

 

गौरेला पेंड्रा मरवाही; -मामला मरवाही वनमंडल का है जहां एक लिपिक से अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए एसडीओ संजय त्रिपाठी के गलत जांच रिपोर्ट को सही मानते हुए अधिकारियों ने परमेश्वर गुर्जर की बर्खास्तगी आदेश निकाल दिया परंतु वंही मरवाही वनमण्डल कार्यालय में ही पदस्थ एक सहायक ग्रेड-3 भूपेंद्र साहू के ऊपर लगातार भ्रष्टाचार की खबरें सामने आने के बाद भी न ही किसी प्रकार का जाँच किया गया न ही कोई कार्यवाही हैरानी की बात तो ये है कि इस सहायक ग्रेड -3 भूपेंद्र साहू को पूर्व प्रभारी डीएफओ राकेश मिश्रा से लेकर संजय त्रिपाठी तक सभी अधिकारियों का पूरा संरक्षण मिला यही कारण है कि विभाग में वरिष्ठ एवं ईमानदार लिपिकों के होते हुए भी भूपेंद्र साहू को कैम्पा शाखा का प्रभारी बना दिया गया भूपेंद्र साहू ने भी अधिकारियों से मिले इस कृपा का भरपूर फायदा उठाते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया है

भूपेंद्र साहू के द्वारा कैम्पा शाखा में रहते हुए मनमाने तरीके से बिल बाउचर बनाए गए शासन के पैसों में भूपेंद्र साहू की नियत कुछ इस तरह से बिगड़ी की खोडरी परिक्षेत्र में स्वीकृत हुए स्टापडेम के पैसों को बिना कार्य किए ही उनके द्वारा पूरा का पूरा डकार लिया गया लेकिन भूपेंद्र साहू के पैसों की भूख यही शांत नही हुई उन्होंने अपने पैसों के भूख को शांत करने के लिए और भी कई बड़े बड़े कारनामों को अंजाम दे डाला भूपेंद्र साहू के इन सभी कारनामों की जानकारी अधिकारियोंको रहते हुए भी उनपर कोई कार्यवाही इसलिए नही किया गया क्योंकि साहू के द्वारा अपने भ्रष्टाचार का हिस्सा उन पूर्व अधिकारियों तक बराबर पहुँचाया जाता रहा लेकिन भूपेंद्र साहू पर अब कार्यवाही क्यों नही हो पा रहा

ये सवाल लोगो को जरूर परेशान कर रहा क्योंकि हाल ही में मरवाही वन मण्डल से भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से ही एक आईएफएस अधिकारी को वन मण्डल मरवाही के डीएफओ के पद पर बैठाया गया है लेकिन डीएफओ दिनेश पटेल भी भूपेंद्र साहू के खिलाफ न ही कोई जाँच कर पा रहे न ही कार्यवाही इससे भी बड़ी बात यह है कि डीएफओ द्वारा साहू को कैम्पा शाखा से हटाया भी नही हटाया जा रहा है इसके पीछे डीएफओ पटेल की कोई मजबूरी है या फिर भूपेंद्र साहू के पहुँच के सामने डीएफओ पटेल बेबस हो चुके है अब देखना ये होगा कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर विभाग के उच्चाधिकारियों के द्वारा आखिर कब कार्यवाही किया जाता है।