मरवाही वनमण्डल के तीन अनमोल रत्न .पुरुषोत्तम कश्यप,राममोहन यादव.भूपेंद्र साहू ?
मरवाही वन मण्डल के तीन ऐसे कर्मचारी जिनको सभी वन अधिकारियों से प्राप्त है वरदान
पुरषोतम कश्यप,राममोहन यादव.भूपेंद्र साहू का नियम विरुद्ध पोस्टिंग कर भ्रष्टाचार का खेल?
गौरेला पेंड्रा मरवाही: मरवाही वन मण्डल में ये दो लिपिक और 1 वायर लेस ऑपरेटर के बिना वनमण्डल का कार्य सम्भव नही है शायद इसी वजह से कुछ कर्मचारी नियम विरुद्ध 15 वर्षो से अधिक समय से जमे हुए है.. इन सभी कर्मचारियों पर 15 वर्षो से एक ही स्थान पर सभी वनमण्डलधिकारियो की कृपा रही…मरवाही वनमण्डल में पहला नाम राममोहन यादव सहायक ग्रेड -2 जो लगभग 15 वर्षो से एक ही जगह पदस्थ है इस दौरान अनेक वन मंडल अधिकारी बदले गए परंतु किसी भी वन मंडल अधिकारी ने ,पुरषोतम कश्यप,राममोहन यादव.भूपेंद्र साहू को हटाने की कोशिश नही की..नियम विरुद्ध तरीके से इनको बरकार रखा गया है।
दूसरा नाम पुरषोतम कश्यप जो एक वायर लेस ऑपरेटर है और वनमण्डल में कही भी वायरलेस सेट नही है पर इनको स्टेनो का प्रभार दिया गया है और कमीशन का सारे हिसाब किताब इसी कर्मचारी के हाथ है लोग कहते है कि पूर्व डीएफओ संजय त्रिपाठी साहब का पूरा हिसाब किताब इसी के हाथ मे रहा ये पूर्व वनमण्डलाधिकारीयो के करीबी रहने के कारण आज भी इनका रुतबा बरकरार है और सभी पूर्व वन मण्डलधिकारियो का हिसाब किताब इसी के पास रहने के कारण अधिकारी इस कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने से डरते है ।
तीसरा नाम भूपेंद्र साहू का है जो वनमण्डल कायालय के कैम्पा साखा में पिछले 3 वर्षों से पदस्थ है इसने सभी रिकार्ड तोड़ डाले इस लिपिक का अवैध नियम विरुद्ध कैम्पा शाखा का प्रभारी कहा जा सकता है जिसने 3 वर्षो में शासकीय पैसे को जमकर लुटा लेंटाना उन्मूल नरवा विकास के लगभग 50 करोड़ राशि का फर्जी चेक काट लगभग 2 करोड़ की अजेय सम्पति अर्जित किया है भूपेंद्र साहू के नाम पर बिलासपुर पेंड्रा में कई प्लाट है अनेक फर्मो से मिलीभगत कर लगभग 1 करोड़ राशि का फजी चेक जारी किया गया पर इसके सामने वन विभाग के अधिकारी भी बौने पड़ गए है इसके द्वारा अपने स्वयं के खाते में भी फर्मो के ऑनर से अपने खाते में पैसे लिए गए है जिसकी शिकायत भी किया जा चुका है लिकिन पूर्व वनमण्डला अधिकारी इसके सामने बौने ही साबित हुए ।
वर्तमान डीएफओ के पास भी इनकी शिकायत की लेकिन भूपेंद्र साहू और उचित कार्यवाही आज तक नही किया गया..भूपेंद्र साहू ने राशि गबन करने के लिए एक परिक्षेत्र से दूसरे परिक्षेत्र का राशि को बुक कर लिया, पर इसके ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नही हो सका ..बता दे की भूपेंद्र साहू के ऊपर इसके प्रभारी रहे एस एस भदोरिया ने भी लिखित में विभाग और थाने में कमीशन खोरी का आवेदन दिया गया जिसपर भूपेंद्र साहू के ऊपर एफआईआर दर्ज किया जाना था परंतु आज तक जांच तक नही किया गया ।