कोरबा; बरबसपुर ट्रांसपोर्ट नगर पर राजस्व मंत्री-विधायक आमने-सामने: मंत्री रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने , पढ़िए …

कोरबा: कोरबा जिले में कांग्रेस के दो विधायकों ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा प्रस्तावित ग्राम बरबसपुर में नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। नगर निगम क्षेत्र के बरबसपुर में नया ट्रांसपोर्ट नगर के लिए आबंटित भूमि खसरा नंबर 359 रकबा 40.36 एकड़ भूमि को नियम विरुद्ध होने से निरस्त कर अन्यत्र नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की मांग की गई है। इस संबंध में पाली-तानाखार के विधायक मोहित केरकेट्टा एवं कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपकर इसके लिए अनेक कारण बताए हैं।

विधायकों ने कहा है कि राजस्व मंत्री अपने निजी रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध दबावपूर्वक बरबसपुर में नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाना चाहते हैं। बरबसपुर नगर पालिक निगम क्षेत्र का मसाहती गांव है जिसके नक्शा का प्रारंभिक या अंतिम प्रकाशन नहीं हुआ है। जमीनों के वास्तविक स्थल की प्रमाणिकता संदिग्ध तथा फेरबदल संभावित रहती है। नक्शा नहीं होने से जमीन का वास्तविक चिन्हांकन नहीं हो सकेगा। खसरा नंबर 359 की कुल 72.91 एकड़ में से 40.36 एकड़ भूमि परिवहन नगर और 32.55 एकड़ भूमि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निगम को 2016 से आबंटित है।

यहां कचरे का ढेर है व निपटान हेतु 5.7 करोड़ के कचरा निपटान संयंत्र की योजना प्रगतिरत है। एनजीटी व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मानक अनुसार 200-500 मीटर क्षेत्र में आगामी 30 वर्षों के लिए गैरविकसित क्षेत्र घोषित किया गया है।

0 कनेक्टेड एरिया में हो नया टीपी नगर

विधायक ने बताया कि अधिकांश वाहनों का परिचालन बालको, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, दक्षिण-पूर्व कोयला प्रक्षेत्र के कारण ही होता है। प्रस्तावित नवीन परिवहन नगर और इन उपक्रमों की दिशा बिलकुल विपरती है। वाहनों को पूरे शहर की परिक्रमा कर नवीन प्रस्तावित स्थल बरबसपुर जाना पड़ेगा। तीन रेलवे क्रासिंग, वर्तमान परिवहन नगर तथा पूरे शहर की व्यस्ततम क्षेत्र से गुजरते हुए जाने से नागरिकों को भारी असुविधा होगी। ऐसे में नया परिवहन नगर को बरबसपुर के स्थान पर शासन-प्रशासन द्वारा नवीन चिन्हित स्थल पर किया जाना उचित होगा। प्रक्षेत्र तथा शहर से कनेक्टेड सुविधाजनक स्थान पर निर्मित किए जाने से शहर के लोगों को रोजगार मिलेगा, विकास भी होगा, जनहित में होगा तथा वाहन मालिकों को डीजल के अनावश्यक खर्च से निजात मिलेगा।