कोरबा जिले के विकास में लैंगा सरपंच- सचिव ने लगाया ग्रहण: कागजी घोड़ा दौड़ाकर ग्राम विकास के डकारे लाखों रुपए, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन..
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:-जिले के पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत अंतिम छोर पर बसे पहाड़ी वनांचल ग्राम पंचायत लैंगा के सरपंच- सचिव ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी और बिना काम कराए मूलभूत एवं 14वें, 15वें वित्त के लाखों रुपये डकार लिए गए तथा गांव में अपेक्षित विकास कार्य भी नही कराए गए। वहीं जो कार्य पंचायत मद की राशि से कराए गए, उनमे उतना खर्च नही आया जितनी राशि निकाले गए। ग्रामीणों ने सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार की शिकायत कलेक्टर से कर कार्यवाही की मांग की है।
ग्राम के विकास और ग्रामीण जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने हेतु सरकार हर ग्राम पंचायत को वहां की जनसंख्या के हिसाब से लाखो रुपये देती है। ऐसे ही लैंगा ग्राम पंचायत को भी 4 साल मे शासन से लाखों रुपये मिला। जहां सरपंच श्रीमती संतकली ने सचिव के साथ मिलकर फर्जी प्रस्ताव बना और बिना काम कराए मूलभूत एवं 14वें, 15वें वित्त से लाखो रुपये निकालकर डकार लिए।
सरपंच- सचिव ने ग्राम 15वें वृत्त 14 वें वृत्त एवं मूलभूत की राशि 2020-21 एवं 2021-22 में सरपंच सचिव के द्वारा दोनों वर्ष की राशि को गलत तरीके से आहरण करके ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें सरपंच सचिव एक ही काम का दो बार वेंडर के माध्यम से राशि का आहरण कर लिया गया। है और जमीनी स्तर पर काम एक ही हुआ है जो इस प्रकार है:- 1. लैंगा में कुप निर्माण का भुगतान 48021/- रूपये बिल कं- 45, दिनांक 11.08.2021 एंव उसी काम का भुगतान 72584 रूपये बिल के 57. दिनांक 12.08.2021
2. लैंगा मंदिर चौक में समर्सिबल पंप स्थापना में भुगतान 44698 /- रूपये न्यु बजरंग कटघोरा दिनांक 30.09.2021 एंव उसी कार्य का भुगतान 48107 /- 17.09.2021 |
3. रानिमार लैंगा में कुप निर्माण, कार्य भुगतान बिल नं- 21 दिनांक 11.08.2021 एंव उसी कार्य का भुगतान 49000/- रूपये बिल नंबर 165 दिनांक 14.08.2021
4. रानिमार के आमाडांड में सड़क मरम्मत के नाम से बिना काम किये फर्जी बिल लगाकर 49600/- आहरण कर लिया गया है। इसी प्रकार से गौठान एवं कोविड सेंटर में मूलभूत एंव 14 वें वृत्त, 15 वें वृत्त की राशि को आवश्यकता से अधिक दुरूपयोग करते हुए भ्रष्टाचार किया गया है इस प्रकार सरपंच- सचिव ने मिलकर विकाश कार्यों के नाम पर कागजी घोड़ा दौड़ाते हुए लाखो रुपए निकाल बंदरबांट कर लिया गया, जबकि धरातल पर ग्रामीणों को एक ढेला भी काम देखने को नही मिला है।
इस संबंध पर ग्रामीणों ने बताया कि तात्कालीन सरपंच के कार्यकाल में अनेक हैंडपम्पों के पास स्नानागार निर्माण सहित अन्य निर्माण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई थी, वर्तमान सरपंच में कोई भी काम देखने को नही मिला है। वहीं महिला ग्रामीण ने बताया कि सरपंच- सचिव की मनमानी से ग्राम में अपेक्षित विकास के कार्य नही हो पा रहा और गांव की जनता मूलभूत जरूरतों से वंचित पिछड़ी जीवन जीने को मजबूर है। सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कार्यों से त्रस्त ग्रामीण जनता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले में होने वाले भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शिकायत करने का मन बनाया है। ग्राम में और भी अन्य निर्माण/विकास के काम सरपंच- सचिव ने कागजों में कराकर शासकीय राशि का जमकर वारा- न्यारा किया है, जिसे भी आगे खबर के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा।
प्रस्ताव में फर्जी तरीके से खुद करते है पंचो का हस्ताक्षर
सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार की लंबी फेहरिस्त है, जिसमे मूलभूत, 14वें- 15वें वित्त मद की राशि आहरण के लिए फर्जी तरीके से पंचो का हस्ताक्षर कर प्रस्ताव बना लेते है तथा किसी भी मटेरियल सप्लायर फर्म से सांठगांठ कर उनके नाम से चेक काट कर पैसे आहरण भी कर लेते है। विकास की पूरी राशि भी भ्रष्टाचार कर गबन कर ली गई है।
अपेक्षित विकास से कोसो दूर लैंगा ग्राम..
सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कार्य रवैये के कारण यह ग्राम अपेक्षित विकास से कोसो दूर हो चला है, जहां तत्कालीन सरपंच के कार्यकाल में कराए गए निर्माण/विकास कार्य के बाद वर्तमान सरपंच के कार्यकाल में कुछ विकास देखने को नही मिल रहा और ग्रामीण जनता वर्तमान जरूरत के हिसाब से मूलभूत सुविधाओं व विकास से काफी वंचित है। ऐसा नही कि राशि आहरण के अनुसार काम नही कराए गए है, बल्कि यहां की जनता के नजरों में न दिखने वाले ज्यादातर विकास कार्य कागजों में कराए गए है।
अधिकारियों के अनदेखी से सरपंच- सचिव की मनमानी चरम पर
पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक अंतर्गत अंतिम छोर तथा दूरस्थ पहाड़ी व वनांचल ग्राम पंचायत होने के कारण संबंधित अधिकारियों की निरीक्षण गतिविधियां शून्य के बराबर है, लिहाजा इसी का फायदा उठाकर सरपंच- सचिव “मेरी डफली- मेरा राग” की तर्ज पर मनमानी करते हुए पंचायत मद की राशि पर जमकर हाथ साफ कर रहे है। जिससे यहां की जनता अनेक बुनियादी सुविधाओं के लिए ललायित है।
शिकायत पर नही होती कार्यवाही, दी जाती है क्लीन चिट..
सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार से त्रस्त अनेक ग्राम के ग्रामीणजनों की संबंधित अधिकारियों से शिकायत अक्सर देखने को मिलती है। जहां शिकायत पर गठित जांच दल जांच के दौरान कभी लीपापोती कर देती है, और यदि टीम अपनी सही जांच रिपोर्ट अधिकारी को सौंप दें तो अधिकारी कार्यवाही के नाम पर दोषी सरपंच- सचिव को क्लीन चिट दे देते है। जिससे भ्रष्ट्र सरपंच- सचिव के हौसले और भी बुलंद हो जाते है। यही कारण है कि लैंगा की जनता ने भ्रष्ट्र सरपंच- सचिव के विरुद्ध शिकायत सीएम से करने की ठानी है।