सोने की कीमत में भारी उछाल, चांदी में भी आई जबरदस्त तेजी….कीमतों में लगी आग की ये है बड़ी वजह
नईदिल्ली 27 जुलाई 2020. अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती की वजह से सोमवार को भारतीय बाजार में गोल्ड ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया. वायदा बाजार में सोना 51,833 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. इसी तरह चांदी भी बढ़ते हुए 64,896 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड कीमत तक पहुंच गई. हालांकि हाजिर बाजार में सोना 51 हजार से नीचे ही कारोबार कर रहा है.
घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतें सोमवार सुबह रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर ट्रेंड करती दिखी हैं। एमसीएक्स पर पांच अगस्त 2020 के सोने का वायदा भाव सोमवार सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर 785 रुपये की बढ़त के साथ 51,833 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेंड कर रहा था। यह इस सोने का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है।
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार, व्यापार सहित कई मोर्चों पर तनाव बढ़ गया है। कोरोना वायरस से निपटने और चीन द्वारा हांगकांग के लिए एक सख्त नया सुरक्षा कानून थोपन की वजह से अमेरिका और चीन में एक नए शीत युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। इसका असर भी दोनों धातुओं की कीमतों पर पड़ रहा है। वहीं डॉलर सूचकांक आज 0.5% गिरकर अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कई साल के निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे सोना अन्य देशों के लिए सस्ता हो गया है, जिससे इसकी खरीददारी तेज हो गई है। भारत में इस साल अब तक सोने की कीमतों में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद से चांदी बढ़ी है।
पिछले एक से 24 जुलाई तक सोने की हाजिर कीमतों में 2238 रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा हो चुका है। सर्राफा बाजारों में एक जुलाई को 24 कैरेट सोने का भाव 48886 रुपये था, जबकि 24 जुलाई को यह 51124 रुपये पर बंद हुआ। वहीं चांदी जबरदस्त छलांग लगाते हुई 59967 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि एक जुलाई को यह 49655 रुपये पर थी। इस दौरान इसके रेट में 10230 रुपये का उछाल आया।
जानिए क्या होता है वायदा भाव?
सोने का व्यापार दो तरह से होता है। एक हाजिर बाजार में और दूसरा वायदा बाजार में। वायदा बाजार को कमोडिटी एक्सचेंज भी कहा जाता है। वायदा बाजार में वस्तु को डिजिटल माध्यम से बेचा और खरीदा जाता है। वायदा बाजार में वस्तु के पुराने और नए भावों के आधार पर भविष्य के भावों में सौदे किये जाते हैं। इस बाजार में एक तय तारीख तक के लिए सौदे होते हैं। वायदा बाजार का सीधा असर हाजिर बाजार पर पड़ता है। हाजिर बाजार और वायदा बाजार में वस्तु के भाव में कोई बड़ा अंतर नहीं होता है।