ब्लास्टिंग से उड़े पत्थर से किशोरी की मौत के बाद , मयाली पत्थर खदान के संचालन पर पखवाड़े भर से लगी है रोक..

ब्लास्टिंग से उड़े पत्थर से किशोरी की मौत के बाद , मयाली पत्थर खदान के संचालन पर पखवाड़े भर से लगी है रोक

पुनः संचालन शुरू होने की सुगबुगाहट से दहशत में ग्रामीण , पड़ताल में साइट में नजर आए कर्मचारी व हलचलें 

जशपुर: जिले के कुनकुरी थाना क्षेत्र के मयाली (भंडरी ) पत्थर खदान में नियम विरुद्ध तरीके से हैवी ब्लास्टिंग कर पत्थर तोड़ने से किशोरी की मौत के बाद प्रशासन ने पखवाड़े भर से क्रेशर एवं स्टोन माइंस जरूर बंद कर दिया है लेकिन अभी भी खदान में संबंधित फर्म के साईट पर हलचल बनी हुई है। पड़ताल में जहां जनता स्थाई तौर पर पत्थर खदान बंद करने की गुहार लगाती नजर आई वहीं विश्वस्त सूत्रों के हवाले से यह बातें छनकर आ रही कि संबंधित फर्म अभी भी जल्द खदान के संचालन पर लगी रोक हटने को लेकर आश्वस्त है।

यहां बताना होगा कि 15 फरवरी की शाम मयाली स्थित पत्थर खदान में करीब 4.30 बजे ब्लास्टिंग की गई थी। ब्लास्टिंग इतनी तेज थी कि पत्थर का एक बड़ा टुकड़ा खदान से 1 किलोमीटर दूर खड़ी ग्राम पंचायत खटंगा निवासी किशोरी केश्वरी बाई पिता नंदे राम 16 वर्ष की सिर पर लगी। इससे उसके सिर के चिथड़े उड़ गए। सिर से काफी मात्रा में खून बह जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।घटना के बाद व्यापक जनाक्रोश को देखते हुए जिला प्रशासन ने खदान के संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी है। लेकिन अंदरखाने से खदान के संचालन पर लगी रोक जल्द हटने की विश्वस्त सूत्रों की सूचना पर प्रखर समाचार की पड़ताल में भी इन दावों के पुख़्ता होने के आसार नजर आए। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लिखित शिकायतों के बावजूद गिट्टी एवं पत्थर का खदान का संचालन जारी था। अवैद्यानिक हैवी ब्लास्टिंग ने एक गरीब बच्ची की जिंदगी छीन ली । साथ ही साइट पर अभी भी एलबीएस (लाल बहादुर सिंह )फर्म

अम्बिकापुर के कर्मचारी साईट पर बने आफिस में डेरा डाले हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जल्द ही खदान का पुनः संचालन शुरू होने के दावे किए जा रहे जिससे वो भयभीत हैं। पड़ताल में साईट पर बड़े पैमाने पर पत्थर, गिट्टी व परिवहन कार्य के लिए कुछ वाहन नजर आए । जिससे चोरी छिपे परिवहन की सभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता । 1 मार्च से विधानसभा सत्र का आगाज हो चुका है। ऐसे में यह घटना भी जोरशोर से उठने के दावे किए जा रहे। ऐसे में सत्र में सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

आबादी से महज 1 किलोमीटर दूर संचालित है खदान 

जानकारी अनुसार खनिज उत्खनिका पट्टा आबादी से कम से कम 2 किलोमीटर दूर होनी चाहिए। लेकिन मयाली में महज एक किलोमीटर की दूरी में खनिज विभाग ने जनमानस की जिंदगी की परवाह न कर आबादी से महज 1 किलोमीटर दूर पत्थर खदान के लिए उत्खनिका पट्टा जारी कर दी। ब्लास्टिंग से हमेशा ग्रामीण भयभीत रहते हैं।