जल जीवन मिशन की पात्रता से 20 से कम घरों की बसाहटें बाहर , पहाड़ी कोरवा हो सकते हैं वंचित !
जल जीवन मिशन की पात्रता से 20 से कम घरों की बसाहटें बाहर , पहाड़ी कोरवा हो सकते हैं वंचित !
703 गांव ,385 बसाहटों के एक लाख 97 हजार 628 घरों तक जलापूर्ति करने ,799 करोड़ 29 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति
कोरबा: आकांक्षी जिला कोरबा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टाइमलाइन सितम्बर 2023 तक एक लाख 97 हजार 658 परिवार में घरेलू कनेक्शन लगाने की कवायद शुरू हो गई है।799 करोड़ 29 लाख 57 हजार की लागत से 10 हजार 88 योजनाओं के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। लेकिन 20 से कम घरों के बसाहट योजना ले लाभ से वंचित रह जाएंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कोरबा ने अभी तक इनमें से स्वीकृत 509 योजनाओं पर कार्य कर 81 हजार 672 स्वीकृत घरेलू कनेक्शनों में जलापूर्ति करने जुटी है। अप्रैल तक सभी योजनाओं में जलापूर्ति के प्रयास किए जा रहे। यहां बताना होगा कि एकल नवीन ग्राम योजना एवं सोलर आधारित मिनी नलजल योजना के तहत जल जीवन मिशन के लक्ष्य की पूर्ति की जा रही। एकल नवीन ग्राम योजना में मूल ग्राम पंचायत ,ग्राम लाभान्वित हो रही हैं। वहीं सोलर आधारित मिनी नल जल योजना में बसाहटें शामिल है।
सोलर ड्यूल पंप से ऐसे सभी बसाहटों में जलापूर्ति की जा रही । एकल नवीन ग्राम योजना जिले के सभी 703 गांवों में स्वीकृत हुई हैं। इस कार्य के लिए 695 करोड़ 81 लाख 21 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। जिसके तहत 1 लाख 78 हजार 405 घरेलू कनेक्शन लगाकर जलापूर्ति की जानी है। इसमें से 238 योजनाओं पर कार्यादेश जारी कर 68 हजार 582 घरेलू कनेक्शन लगाने की कवायद अंतिम चरण में हैं। वहीं क्रेडा को सोलर आधारित मिनी नलजल योजना लगाने 385 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।
103 करोड़ 48 लाख 36 हजार की लागत से 385 बसाहटों के 19 हजार 253 घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य है। जिसमें से 271 बसाहटों की योजनाओं का कार्यादेश जारी कर 13 हजार 90 कनेक्शन का कार्य अंतिम चरण में है । जिससे बसाहटों में लोगों को शुद्ध जल की आपूर्ति होगी। 162 बसाहटों में कार्य पूर्ण होने का दावा किया जा रहा ।
तो कहीं इस गर्मी प्यासी न रह जाए जनता
जल जीवन मिशन की परिकल्पना अत्यंत जनहितकारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप जल जीवन मिशन लागू करने का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक परिवार में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना है । इसके लिए केंद्र शासन ने पीएचई विभाग को करोड़ों रुपयों का बजट उपलब्ध करवाया है।जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि 7 अगस्त 2021 को रायपुर में हुए समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को आश्वासन दिया था कि राज्य जल जीवन मिशन लागू करने की गति बढ़ाने तथा सितंबर 2023 तक जिला कोरबा समेत छत्तीसगढ़ के शेष 39.59 लाख परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में फर्मों की ढिलाई सुस्त कार्यप्रगति की वजह से इस सीजन की गर्मी में जनता की जल जीवन मिशन से प्यास बुझेगी इसके आसार कम ही नजर आ रहे। इसके लिए सभी फर्मों के कार्यों में गुणवत्ता व तेजी लानी होगी।
20 से कम आबादी की बसाहटें योजना से बाहर
जल जीवन मिशन का लाभ ऐसे बसाहटों में बसी आबादी को नहीं मिलेगी जिनमें 20 परिवार से कम की बसाहटें हैं। जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस में ऐसे बसाहटों को योजना से लाभान्वित करने के मापदंड में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले की मूल बाशिंदे जिन्हें पहाड़ी कोरवा कहते हैं इससे प्रभावित हो सकते हैं। अभी भी कोरबा के लेमरू ,अजगरबहार ,देवपहरी,श्यांग क्षेत्र में दर्जनों छोटी छोटी बसाहटें हैं जिनमें 20 से कम घर हैं। निश्चित तौर पहाड़ों में बसे इन पहाड़ी कोरवाओं तक रनिंग वॉटर पहुंचाना दुष्कर कार्य है।