कटघोरा में जंगलराज… डीएफओ प्रेमलता यादव, एसडीओ, रेंजर ने मिलकर किया 24 लाख का घोटाला..

कटघोरा डीएफओ प्रेमलता यादव का कारनामा : तात्कालीन डीएफओ ने 50 लाख की लागत वाले आधा- अधूरा तालाब का 15 लाख भुगतान कर रोक दी थी राशि, वर्तमान डीएफओ ने बिना काम 24 लाख का कर दिया अतिरिक्त भुगतान..

कोरबा/कटघोरा:- आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में आ कराह रहा है और इस ग्लोबल वार्मिंग से बचने विश्व के सभी देश पर्यावरण को सुधारने में लगे हुए है। भारत मे भी ग्लोबल वार्मिंग की चिंता सता रही है। जहां केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वनों के संरक्षण, संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए सभी वनमंडलों को भारी राशि जारी की जा रही है। साथ ही जल संरक्षण से वन्य प्राणियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए भी वन मंडलों को बेतहाशा राशि जारी की जा रही। लेकिन वनमंडलों में पदस्थ अधिकारियों द्वारा किकर्तव्यविमूढ़ता से भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा दिया जा रहा है और जमीनी हकीकत में न तो वन बढ़ रहे है और न ही जल संरक्षण का कार्य ईमानदारी से हो रहा है। जल के अभाव में वन्य प्राणी जंगल से भटककर शहरी क्षेत्रों में घुस रहे है एवं जनधन की भारी हानि पहुँचा रहे है।

ऐसा ही मामला कटघोरा वनमंडल में देखने को मिल रहा है। वनपरिक्षेत्र एतमानगर में वर्ष 2021- 22 में करीब तीन करोड़ से ऊपर के काम हुए लेकिन कोई भी काम ऐसा नही जो पूरा हुआ हो। एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है, जहां एतमानगर रेंज के ग्राम पाथा में 50 लाख की लागत से तत्कालीन रेंजर शहादत खान ने तालाब का निर्माण कराया था।

तालाब का निर्माण पूर्ण करने की भ्रामक सूचना और सभी दस्तावेज गलत ढंग से पूर्ण कर रेंजर श्री खान ने तात्कालीन डीएफओ श्रीमती शमा फारुखी के पास पुटअप किया। तब 40 प्रतिशत भी काम पूरा नही कराए गए तालाब निर्माण को लेकर एक कांग्रेस नेता ने डीएफओ से शिकायत कर दी, जहां स्वयं डीएफओ ने कार्य का जायजा लिया और कार्य देखकर हतप्रभ रह गई थी और गलत जानकारी देने पर रेंजर खान पर जमकर नाराजगी भी जतायी थी तथा तात्कालीन एसडीओ द्वय श्री डिंडोरे एवं श्री बंजारे को जांच करने का आदेश दिया था।

दोनों जांच अधिकारी ने निरीक्षण किया और मूल्यांकन में पाया कि काम 15 लाख रुपए का भी नही हुआ है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद तात्कालीन डीएफओ ने रेंजर को 15 लाख का भुगतान करने के बाद बांकी राशि को रोक दी। तब रेंजर श्री खान पोस्टिंग के दौरान भुगतान पाने जुगत लगाता रहा लेकिन शमा फारुखी ने भुगतान नही किया और कार्य पूर्ण करने का आदेश दिया। लेकिन महीनों तक शहादत खान ने कोई कार्य नही कराया एवं सेवानिवृत हो गए। सेवानिवृत्ति के बाद भी खान कटघोरा वनमंडल कार्यालय में ही चक्कर काटते रहे और वर्तमान डीएफओ श्रीमती प्रेमलता यादव से मिन्नते करते रहे।

जहां कुछ दिन पूर्व डीएफओ श्रीमती यादव ने 24 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान बिना कार्य पूर्ण किये कर दिया और शहादत खान को इतनी बड़ी मिलने पर वह गदगद हो गया। बताया जा रहा है कि डीएफओ व तात्कालीन रेंजर के बीच चेक भुगतान को लेकर बड़ी डील भी होने की खबर विभागीय एक अधिकारी ने बिना नाम छापने की शर्त पर बताया तथा एक कांग्रेस नेता ने सूचना का अधिकार के तहत जानकारी भी मांगी, जिसमे अपूर्ण कार्य का भुगतान होना पाया गया।

50 लाख की लागत से बनने वाले इस तालाब का कार्य 40 प्रतिशत भी पूर्ण नही हुआ है और डीएफओ द्वारा 24 लाख रुपए अतिरिक्त भुगतान की खबर एक बार फिर कटघोरा वनमंडल को सुर्खियों में ला दिया है। बताया जा रहा है कि इस भुगतान की खबर लीक होने पर डीएफओ सहित वनमंडल के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।

डीएफओ प्रेमलता यादव फोन उठा ली तो बहुत बड़ी बात

जब डीएफओ श्रीमती प्रेमलता यादव की कटघोरा वनमंडल में पोस्टिंग हुई तो वे हमेशा सभी का फोन रिसीव करती रही, लेकिन कुछ महीनों से वे फोन उठाना लगभग बंद कर दी है। इस खबर के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया, किन्तु उनसे संपर्क नही हो सका। घँटों तक फोन बीजी रहा और बाद में घँटी जाने के बाद भी उन्होंने फोन उठाना जरूरी नही समझा।