लाखों रुपए की लागत से वन विभाग के पसान रेंज में बन रहेबाउंड्री वॉल – कटघोरा डीएफओ के रिश्तेदार ही बने ठेकेदार…. नहीं दे रहा मानकों का ध्यान, अमानक मटेरियल का उपयोग , रेत माफियाओं को संरक्षण देकर चोरी की रेत का उपयोग कर जमकर भष्टाचार

पसान वनपरिक्षेत्र् भष्टाचार का गढ़ बन चुका है , वनपरिक्षेञ अधिकारी  का रेत माफियाओ को संरक्षण

पसान::–कटघोरा वनमंडल के पसान वनपरिक्षेञ परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए लगभग लाखों रुपये की लागत से बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य शुरू कराया हैं जहाँ खूलेआम भष्टाचार किया जा रहा है ।कटघोरा डीएफ़ओ पदस्थापना के बाद से लगातार रेंजरों को निर्देशित करती रही है कि कोई भी निर्माण कार्य किसी भी ठेकेदार को नहीं देना है विभाग से सम्बंधित कार्य विभाग द्वारा ही करवाने है वहीं दूसरी ओर रायपुर व बिलासपुर से अपना ठेकेदार बुलाकर कार्य करवा रही है , ठेकेदार भी “ सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का “ के तर्ज़ पर बेधड़क घटिया कार्य को अंजाम दे रहे हैं। स्थानीय लोगों में तथा स्टॉप डैम के कार्यों में सहयोग किये छोटे ठेकेदारों में भारी आक्रोश है उनका कहना है कि जब तक पुराने कार्यों का भुगतान नहीं हो जाता तब तक कोई भी नया कार्य नहीं होने देंगे भले ही वह ठेकेदार डीएफ़ओ का रिश्तेदार ही क्यों ना हो ग़ौरतलब हो कि डीएफ़ओ के रिश्तेदार ठेकेदारों ने काम तो ले लिया,है लेकिन अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में घटिया एवं अमानक निर्माण करने से बाज नहीं आ रहे है चोरी की रेत का उपयोग करवाया जा रहा हैं…

दरअसल पसान वनमंडल में रेत सप्लायर वाहिद अली द्वारा 375 रुपये ट्रैक्टर में रॉयल्टी व जीएसटी सहित कार्य स्थल पर पहुंचा कर देना है जबकि शासन की रॉयल्टी का रेट 490 तय किया गया हैं जब रेट में इतना अंतर है तो 375 रुपये में रेत की सप्लाई कर पाना असंभव हैं …जिससे कहना गलत नही होगा कि पसान वनपरिक्षेञ अधिकारी द्वारा अब तक करोड़ों रुपये की चोरी की अवैध रेत का उपयोग किया जा चुका हैं …जबकि बिल 375 रुपये के हिसाब से ठेकेदार वाहिद अली के नाम से लगाकर करोडो रुपये का भुगतान किये जाने की चर्चा है । वन परिक्षेत्र पसान के कार्यालय परिसर में जो बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है उसके सभी कॉलम घटिया व स्तरहीन बनाए जा रहे है .. मानक अनुरूप निर्माण सामग्री और ईंटें नहीं लगाई जा रही हैं, जिससे उसकी मजबूती पर सवालिया निशान लग रहा है। गुणवत्ता की हकीकत यह भी है कि नींव भरने के बाद ही ईंटें खुद ब खुद उखड़ती जा रही है, क्योंकि मानक अनुरूप सीमेंट का मिश्रण नहीं किया गया। ईंटों की गुणवत्ता को छिपाने के लिए आनन-फानन में प्लास्टर का कार्य शुरू कर दिया गया, जिससे ईंटों की गुणवत्ता को ढका जा सकेगा..

कटघोरा डीएफओ के रिश्तेदार को पसान वनपरिक्षेञ अधिकारी रेंजर संरक्षण देकर खुलेआम भ्रष्टाचार करवा रहे है । इस पर किसी भी स्तर से अंकुश नहीं लग पा रहा है। । एक भी बरसात में बाउंड्रीवाल का सही सलामत रह पाना मुश्किल लग रहा है।..

वही हम बात करे भष्टाचार की तो पसान वनपरिक्षेञ को भष्टाचार का गढ़ भी माना जा सकता है क्योंकि पसान वनपरिक्षेञ अधिकारी द्वारा बनाये गए समस्त स्टॉप डेम व एनीकट में जमकर भष्टाचार किया गया है विगत 2019-20 में कैमपा मद से लगभग 11 करोड़ से अधिक की राशि से एनीकट व डैम का निर्माण अधिकारी  के द्वारा करवाया गया हैं… जिसमे लगभग 1 करोड़ से अधिक की राशि की रेत रॉयल्टी की चोरी करके गबन किया गया हैं .।