लूज बोल्डर चेक डेम में लगाए पत्थर पिचिंग को भी नही छोड़ा डब्ल्यू बी एम के ठेकेदार ने, परत दर परत खुल रही कटघोरा वनमंडल के भ्रष्टाचार की पोल

लूज बोल्डर चेक डेम में लगाए पत्थर पिचिंग को भी नही छोड़ा डब्ल्यू बी एम के ठेकेदार ने, परत दर परत खुल रही कटघोरा वनमंडल के भ्रष्टाचार की पोल

कोरबा/कटघोरा:-कटघोरा। कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत वन परिक्षेत्र चैतमा के छिंदपहरी से रामाकछार मार्ग में चल रहे डबल्यू बी एम सड़क में बोल्डरनुमा गिट्टी चांवल देकर या हजार रु प्रति ट्रैक्टर मजदूरी तय कर तुड़वाने का मामला तथा जंगल में जेसीबी मशीन से बड़े बड़े गढ्ढे खोदकर मुरूम निकालने का मामला तो उजागर हो ही चुका है इसके अतिरिक्त पिछले वर्ष वन कर्मचारियों द्वारा नरवा विकास योजना से कराए गए लूज बोल्डर चेक डेम ( एलबीसीडी )में बिछाए पत्थर को भी तोड़कर संग्रहण करने का मामला सामने आ रहा है ।

लूज बोल्डर चेक डेम वो कार्य होता है जिसमे पहाड़ से गिरने वाले पानी के प्रवाह कम करने के लिए ढाल में छोटे छोटे मिट्टी का बांध बनाकर दोनो ओर से पत्थर संग्रहण कर पिचिंग किया जाता है ताकि पहाड़ की मिट्टी का कटाव न हो और इस कार्य के लिए 3हजार से 5 हजार रु प्रति लूज बोल्डर चेक डेम स्वीकृत होता है जो हर रेंज में सैकड़ों- हजारों की संख्या में होता है परंतु बनाते 20 से 30 प्रतिशत ही और वहौचर चार्ज होता है पूरे का ।

चैतमा रेंज के इस कक्ष क्रमांक में नरवा विकास योजना से कराए गए लूज बोल्डर चेक डेम के कितने का वहौचर पास हुआ और कितने वर्तमान में दिख रहें हैं जांच हो जाए तो स्पष्ट हो जाएगा । वन विभाग में कोई भी योजना वन , पशु और जनहित को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती है लेकिन वनमण्डल के शीर्ष पद पर बैठे अधिकारी की भ्रष्ट मानसिकता के आगे अच्छी खासी योजना भी घुटने टेक देती है ।

9 किमी के इस डब्ल्यू बी एम सड़क किनारे जितने भी लूज बोल्डर चेक डेम बनाए गए थे एक भी सही सलामत नही है सभी का पत्थर तोड़कर संग्रहित कर लिया गया है जो किए गए भ्रष्टाचार की नई परत है तथा इस कार्य में जंगल से पत्थर , मुरूम बेदर्दी से खोदकर कई हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ा कर वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन भी किया गया है । स्थल के फोटोग्राफ्स से स्पष्ट दिखाई दे रहा है ।