कुर्सी की लड़ाई में उलझा शिक्षा विभाग ,पोंडी उपरोड़ा में दो दो बीईओ , व्यवस्थाओं पर पड़ेगा असर…
कुर्सी की लड़ाई में उलझा शिक्षा विभाग ,पोंडी उपरोड़ा में दो दो बीईओ , व्यवस्थाओं पर पड़ेगा असर…
कोरबा: आदिवासी बाहुल्य आँकाक्षी जिला कोरबा में एक बार फिर कुर्सी की लड़ाई में शिक्षा विभाग सुर्खियों में हैं। पोंडीउपरोड़ा में दो दो बीईओ पदस्थ हैं,शासन से स्पष्ट अभिमत नहीं लेने के कारण जहाँ बीईओ के बीच गतिरोध के आसार बढ़ गए हैं ,वहीं कार्यालयीन से लेकर पूरे ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था पर पर प्रभावित होंगे। यहां बताना होगा कि पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर हाल ही में पूर्व बीईओ अशोक चंद्राकर हाईकोर्ट से स्थगन आदेश लेकर आ गए हैं। हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के परिपालन में डीईओ ने उन्हें बीईओ पोंडी उपरोड़ा का प्रभार दे दिया है। जबकि राज्य कार्यालय के आदेश पर पदस्थ बीईओ कुमदेश गोभिल भी यथावत हैं। इस तरह स्पष्ट आदेश के अभाव में पोंडी में दो दो बीईओ पदस्थ हैं।
सोमवार को कार्यलयीन दिवस में इसको लेकर गतिरोध की स्थिति बन सकती है। इधर डीईओ के फैसले के विरुद्ध बीईओ कुमदेश गोभिल के हाईकोर्ट जाने की खबर है। गौरतलब हो कि पोंडी बीईओ के पद पर अशोक चंद्राकर की पदस्थापना के बाद जनप्रतिनिधि उन्हें हटाने लामबंद हो गए हैं। शुक्रवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उनका जिले से अन्यत्र स्थानांतरण करने ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बीईओ अशोक चंद्राकर पर सन 2012 से 2019 तक के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। 3 दिनों के भीतर मांगे पूरी नहीं होने पर एनएच -130 कटघोरा -अम्बिकापुर मार्ग में क्षेत्रवासियों के साथ चक्काजाम की चेतावनी दी है। लिहाजा सोमवार मंगलवार को पोंडी ब्लाक पर पूरे जिले की निगाहें टिकी रहेंगी।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अशोक चंद्राकर को पुनः पोड़ी उपरोड़ा बीईओ न्याय संगत ?
अशोक चंद्राकर जो विगत कुछ वर्षो पहले पोड़ी उपरोड़ा में ही बीईओ थे .. लगातार इनकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे…लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है…सूत्र बताते है की भ्रष्टाचार की वजह से ही तात्कालिक कलेक्टर द्वारा अशोक चंद्राकर को बीईओ पद से हटाकर छिंदपुर स्कूल में प्राचार्य बनाया गया था….
विवादित बीईओ अशोक चंद्रकार को पुनः पोड़ी उपरोड़ा को बीईओ बनाना भ्रष्टाचार को खुलेआम बढ़ावा देना है.
अशोक चंद्रकार की वापसी न्याय संगत कार्यवाही पर…सवाल खड़े कर रहा है ….?
क्या …जिले के शिक्षा विभाग में दूसरा कोई अधिकारी नही है जिसे पोड़ी उपरोड़ा बीईओ बनाया जा सके…..
क्या…पोड़ी उपरोड़ा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार में हमेशा डूबा रहेगा….
राज्य कार्यालय से मागर्दर्शन नहीं मांगा गया
प्रकरण में जानकारों की मानें तो राज्य शासन से हाईकोर्ट के आदेश के बाद मार्गदर्शन मांगना था ,लेकिन इसकी अनदेखी कर दी गई। वहीं डीईओ की मानें तो उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया है।
हाईकोर्ट के आदेश का किया पालन
हाईकोर्ट के आदेश का हमने अक्षरशः पालन किया है।कोर्ट के आदेश के बाद भी चक्काजाम जैसे कृत्य के लिए पूर्व बीईओ को उत्प्रेरित करने का जिम्मेदार माना जाएगा।
जीपी भारद्वाज ,डीईओ