पैरों में कलेक्टर: छत्तीसगढ़ में कलेक्टर की गरिमा हुई शर्मसार,

पैरों में कलेक्टर: छत्तीसगढ़ में कलेक्टर की गरिमा हुई शर्मसार,

मनेंद्रगढ़:  कलेक्टर सिर्फ पद नहीं होता… न ही कोई व्यक्ति। वह एक संस्थान होता है। पूरे जिले के लोगों की उम्मीद का प्रतीक। कलेक्टर जिले में मुख्यमंत्री का नुमाइंदा होते हैं, इसलिए भी यह गरिमा का पद माना जाता है। मगर छत्तीसगढ़ के कुछ कलेक्टर जनप्रतिनिधियों की चापलूसी में कलेक्टर पद की प्रतिष्ठा को ताक पर रख दे रहे हैं। ताजा मामला मनेंद्रगढ़ के चिरमिरी में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का है। जिला प्रशासन इलेवन और जनप्रतिनिधि इलेवन के बीच मैच के बाद पुरस्कार वितरण के बाद फोटो सेशन के दौरान कलेक्टर के अधीनस्थ कर्मचारी विधायक विनय जायसवाल और उनकी महापौर पत्नी कंचन जायसवाल के साथ खड़े है और कलेक्टर पीएस ध्रुव उनके पैरों के पास जमीन पर बैठ गए। फोटो में आप देख सकते हैं।

इससे पहले फरवरी में अमृतधारा महोत्सव में भरे मंच से कलेक्टर पीएस ध्रुव ने विधायक गुलाब कमरो के स्वागत भाषण ऐसा दिया कि मंच पर बैठे नेता उन्हें देखते रह गए थे। दरअसल, अधिकारियों का एक प्रोटोकॉल होता है। बंद कमरे में अधिकारी भले ही जो भी कर लें, मगर सार्वजनिक समारोहों में मंत्री, विधायक के सम्मान में इस तरह तारीफों के पुल नहीं बांधते। कलेक्टर ने विधायकों को गरीबों का हितैषी, जन-जन का मसीहा बता रहे थे, उस दौरान मंच पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और उनकी सांसद पत्नी बैठी हुईं थी। गुलाब कमरो से उनकी निकटता जाहिर है, सो उनके प्रतिद्वंदी विनय जायसवाल को साधने के लिए उनके पैरों में बैठने से कलेक्टर ने कोई परहेज नहीं किया।

अब इस फोटो को लेकर हो रहे विवाद पर कलेक्टर पीएस ध्रुव की प्रतिक्रिया सामने आई है।

कलेक्टर पीएस ध्रुव ने कहा कि चिरमिरी में कलेक्टर इलेवन और विधायक इलेवन के बीच सद्भावना मैच था। वे कलेक्टर इलेवन टीम के कैप्टन थे। उनकी टीम ने बिना विकेट खोए 82 रन बनाकर जीत हासिल की और मैन ऑफ द मैच उन्हें मिला। मैच के बाद हुए फोटो सेशन में वे मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी और मेडल के साथ नजर आ रहे हैं। फोटो सेशन के दौरान कुछ खिलाड़ी खड़े हैं और कुछ बैठे हैं। बैठे हुए खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए वे भी घुटनों के बल वहां बैठे। उन्होंने कहा कि उस मैच में वे एक खिलाड़ी थे और उसी भावना के साथ पूरे मैच में हिस्सा लिया।