गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में जमकर अवैध वसूली कर रहा आबकारी विभाग .. आदिवासियों को किया जा रहा प्रताड़ित..

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में जमकर अवैध वसूली कर रहा आबकारी विभाग .. आदिवासियों को किया जा रहा प्रताड़ित..

गौरेला पेंड्रा मरवाही: नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में आबकारी विभाग की अवैध वसूली चरम सीमा पर है यूं तो आबकारी विभाग का काम अवैध शराब विक्रय को रोकना है परंतु आबकारी विभाग इन दिनों जमकर वसूली करने में लगा है इसमें विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पूरे तरीके से संलिप्त है जिसमे कुछ नाम खुलकर सामने आ रहे है

जबकि मुख्यमंत्री बघेल ने स्पष्ट कहा है कि आम जनता के जीवन की बेहतरी के लिए बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है। और यदि महुआ शराब बनाने वाले आदिवासी से अवैध वसूली की जाती है तो विभाग के उपर कड़ी कार्यवाही की जायेगी. लेकिन जिले में आबकारी विभाग की कार्य शैली से इतना तो समझा जा सकता है की विभाग को प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी भय नहीं है ।

महीने में 5 लाख से भी अधिक सिर्फ आदिवासी क्षेत्रों से वसूली कर रहा आबकारी विभाग

आबकारी विभाग इन दिनों केवल जिले में अवैध वसूली करने में लगा है गौरतलब है की जिले में कुल 3 शराब दुकान हैं जिसके अंतर्गत गौरेला पेंड्रा व मरवाही है सभी शराब दुकानों के बाहर अवैध रूप से चकना सेंटर चल रहा है जिसमे आबकारी विभाग के कर्मचारी के द्वारा प्रति दुकान हजारों रुपए तक का वसूली सिर्फ चखना सेंटरों से कर रहे हैं यह वसूली कोई और नहीं बल्कि आबकारी विभाग का कर्मचारी स्वयं करता है. साथ ही आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा जिले के आदिवासी क्षेत्रों में प्रति महीने वसूली की राशि तय कर दी गई है जो की लगभग 5 लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है।

आदिवासी क्षेत्र में जमकर कर रहे वसूली, आदिवासी ग्रामीणों को जमकर प्रताड़ित कर रहा विभाग..

शासन द्वारा आदिवासियों को 5 लीटर शराब बनाने की छूट आबकारी विभाग के लिए अवैध वसूली का जरिया बन गई है जहां आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों को मिली शासन द्वारा 5 लीटर शराब बनाने की छूट को लेकर आए दिन भोले-भाले आदिवासियों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर आबकारी विभाग उन्हें परेशान करते हुए अवैध वसूली कर रहा है, आबकारी विभाग के कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है

बैरियर से आसानी से निकल रहा है मध्यप्रदेश निर्मित शराब

जिले में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर आबकारी बेरियर लगा हुआ है परंतु मध्य प्रदेश से आने वाले शराब पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना है किसी भी वाहन का आबकारी विभाग के द्वारा किसी प्रकार का चेकिंग नहीं किया जाता है और रात के अंधेरे में मोटी कमिशन लेकर आसानी से शराब पार करा दिया जाता है जब बैरियर में किसी भी प्रकार का कार्यवाही नहीं किया जा रहा है तो बैरियर के नाम पर शासन के लाखों रुपए खर्च करने का क्या औचित्य है.

आपको बता दें कि आबकारी विभाग मे कार्य करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारी कर्मचारी बेलगाम है जो अपने-अपने क्षेत्रों में इस प्रकार के अवैध कार्यों को पैसे के लेनदेन कर बढ़ावा देते हैं और पैसा नहीं मिलने पर कार्यवाही करने के नाम पर प्रताड़ित करते हैं जिस पर प्रशासन को संज्ञान लेने की आवश्यकता है ।