गौरेला: आदिवासी बच्चियों को प्रताड़ित करती छात्रावास अधीक्षिका, मोनिषा सिंह, कलेक्टर से कार्यवाही की मांग,,

गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले में लगातार भ्रष्टाचार व्याप्त है अब भ्रष्टाचार करने बच्चियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, गौरतलब है की नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है , जहां आदिवासी बच्चियों के उत्थान के लिए जिला प्रशासन और सरकार प्रयासरत है तो वही दूसरी और कमीशन देकर अधीक्षिका बने कर्मचारी बच्चियों का शोषण कर रहे है, पूरा मामला जिले के ज्योतिपुर आदिवासी कन्या छात्रावास का है, जहां अधीक्षिका के खिलाफ बच्चियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से कड़ी कार्यवाही की मांग की है , दिए गए आवदेन में बताया की हम सभी

सभी छात्राएँ ज्योतिपुर आदिवासी कन्या छात्रावास में रहते है, हमारी अधिक्षिका श्रीमती मोनिषा सिंह हमसे अच्छा व्यवहार नई करती है बात-बात पर डाटती है, तथा गलत शब्दो का प्रयोग करती है। हमारे नहाने के लिए साबुन, तेल माँगने पर बोलती है कि नियम बदल गया है. पता नही है क्या, हमारे बीमार होने पर इलाज करवाने के बाद कहती है, की अपने माता-पिता को बुलवा कर इलाज करवालों, फिर डॉक्टर के पास जाना , छुट्टी माँगने पर बोलती है किस लड़के से मिलने जाओगे, और हमारे साथ 9th क्लास की एक लड़की रहती है, जिसका नाम संजना आर्मो है। मानशिक रूप से उसे डॉक्टर ने कहा क की माइनर अटैक का लक्षण बताया गया है। उसके इलाज के टाइम में मैंग ने ध्यान नही दिया , हमारा निवेदन है कि श्रीमति मोनिता सिंह का स्थांनातरण करवा दीजिए।

देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कार्यवाही करता है या फिर इसको भी नजरंदाज करके किसी बड़ी घटना के अंजाम होने का इंतजार किया जाता है,,

वही इस पूरे मामले में सोचनीय और चिंतनीय विषय ये है की आखिर कार जिले में बैठे बड़े अधिकारी जिनका कर्त्तव्य भी है और शासन से  निर्देश भी है की छात्रा वाश का लगातार निरीक्षण करना है जिससे कमियों को दूर किया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं होता जिसका परिणाम बच्चियों को भुगतना पड़ रहा है,