बहुचर्चित कोयला घोटाले के आरोपियों की तरह क्या? छत्तीसगढ़ वन विभाग के सबसे बड़े घोटालेबाज रत्न SDO संजय त्रिपाठी जाएंगे जेल ?
रायपुर: छत्तीसगढ़ और इस सदी के सबसे बड़े घोटालेबाज अफसर
घोटालेबाज रत्न एसडीओ संजय त्रिपाठी
पर कार्यवाही का इंतजार लगभग खत्म होता नजर आ रहा है, जहां पहले संजय त्रिपाठी पर कार्यवाही असंभव सा प्रतीत हो रहा था, परन्तु विधानसभा सत्र में उठे मुद्दे से अब घोटालेबाज संजय त्रिपाठी पर कार्यवाही तय मानी जा रही है,
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार अफसर अब समझ चुके है की अब उन पर कार्यवाही होने से कोई नही रोक सकता है,
दरअसल हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ और इस सदी के सबसे बड़े घोटालेबाज अफसर रत्न संजय त्रिपाठी की, जिसके द्वारा वन विभाग का आज तक का सबसे बड़ा घोटाला किया गया है, संजय त्रिपाठी के द्वारा लगभग 40 करोड़ रुपए का गबन किया गया है, जबकि सूत्रों की माने तो अगर संजय त्रिपाठी के पूरे कार्यकाल की जांच ED करती है तो 40 करोड़ का आंकड़ा 400 करोड़ तक पहुंच सकता है जो की पूरे छत्तीसगढ़ के इतिहास में कोयला , शराब घोटाले के बाद वन घोटाले के रूप में सबसे बड़ा घोटाले के रूप में सामने आ सकता है,
तत्काल प्रभाव से दर्ज होना चाहिए एफआईआर,
करोड़ों रुपये के घोटाले के दोषी संजय त्रिपाठी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465/467/468 (सभी जालसाजी), 471 और 120-बी (आपराधिक साजिश) और धारा 7, 7 (ए) के तहत मामला ), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) एवं 13 (2) के तहत सतर्कता ब्यूरो द्वारा मामला दर्ज किया जाना चाहिए , परंतु ऐसा हो नहीं रहा है
महत्वपूर्ण बात यह है कि उक्त अधिकारी संजय त्रिपाठी को तत्कालीन सरकार के समय में बहुचर्चित नेचर कैम्प घोटाले के मामले में तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय शुक्ला द्वारा निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाही के लिए अनुशंसा दिनांक 6/03/2023 को पत्र क्रमांक 2343 में की गई थी मगर पता नही किसकी मेहरबानी से यह जादुई अधिकारी हर भ्रष्टाचार के बाद खुद को बचाने में सफल हो जाते है। जबकि मरवाही वनमंडल में इनके पदस्थ अवधि की अगर जाँच कराई जाए तो शायद मरवाही एकलौता ऐसा वनमंडल होगा कि जहाँ भ्रष्टाचार की पूरी गाथा लिखी जा सकती है। मामले में भाजपा नेता धर्मजीत सिंह ने ईडी की तरह विस्तृत जांच कराए जाने की मांग सदन में उठाई तो गई है ,