गौरेला पेंड्रा मरवाही: रीपा प्रोजेक्ट में फर्जी बिल लगाकर लाखो के राजस्व की चोरी, पूर्ववर्ती सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में पतरकोनी सचिव और सप्लायर की सेंध,अधिकारी मौन,

गौरेला पेंड्रा मरवाही– जनपद पंचायत गौरेला के अंतर्गत ग्राम पंचायत पतरकोनी में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क ( रीपा ) के तहत जमकर घोटाला किया गया है. पूरे घोटाले को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है, अगर पूरी खरीदी पर जांच किया जाए तो करोड़ो रुपए का एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है .

रीपा में खरीदी और निर्माण सामग्री के नाम पर जिम्मेदार सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया. और उक्त राशि का अनाप-शनाप बिल बनाकर बंटरबाट किया गया है, जिस मामले में कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है ,अगर मामले की जांच किया गया तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है.

महत्वपूर्ण योजनाओं में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क ( रीपा ) सम्मिलित रही. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना था. इस योजना से महिला समूह कितनी सशक्त हुई बता पाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन रिपा के तहत क्रय किए गए उपकरणों, में निर्माण सामग्री में से जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी जरूर सशक्त हो चुके हैं.

गौरतलब है की उक्त योजना के तहत जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के जनपद पंचायत गौरेला अंतर्गत ग्राम पंचायत पतरकोनी में रीपा प्रोजेक्ट में सचिव द्वारा फर्म सप्लायर के साथ मिलकर लाखो का घोटाले को अंजाम दिया गया है,सूत्रों की माने तो निर्माण कार्य सामग्री के नाम पर पर जमकर घोटाला किया गया है, रेत की रॉयल्टी में लाखो रुपए का बंटरबाट किया गया है, जिससे शासन को भी लाखो रुपए के राजस्व की हानी हुई है,

पतरकोनी के रीपा प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्यवाही की मांग कई महीनों पहले की जा चुकी है , लेकिन आज तक उक्त मामले में कार्यवाही शुरू नही हो सकी है बता दे की पतरकोनी में हुए निर्माण कार्यों के बिल एवं व्हाऊचर को सही ढंग से देखा जाए उस पर पतर कोनी सचिव द्वारा सप्लायर के साथ लाखो का घोटाला देखा जा सकता है, सप्लायर द्वारा खनिज नियमों की परवाह न करते हुये रेत, गिट्टी, बेस गिटटी, लाल ईंट का फर्जी लगाया जबकि, नियमानुसार निम्नलिखित सामाग्रीयों का रॉयल्टी लगाना अनिवार्य है जिसे हम सीधे तौर पर खनिज की चोरी कह सकते हैं।

ग्राम पंचायत पतरकोनी सचिव ने सभी नियमों को जानते हुये भी दस्तावेंज को सत्यापित कर भुगतान प्रदान किया गया। जो कि, यह एक जांच का विषय है। ग्राम पंचायत-पतर कोनी के सचिव के द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है की समूह की महिलाओं को नहीं पता कि उनके आड़ में कुछ भ्रष्टाचार्यों ने अपना कमीशन खोरी का खेल बड़े स्तर पर खेला है.