शिक्षा का मंदिर हुआ शर्मसार….शराब के नशे में स्कूल पहुंचे प्रधान पाठक….मीडिया को देख बाइक चालू की और भाग गए….
सरकारी स्कूल का हाल-बेहाल….
बिलासपुर / बिल्हा विकास खंड अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है और हो भी क्यों ना जब नीचे से लेकर ऊपर तक के जिम्मेदार तनख्वाह खोर अधिकारी ही किसी मामले को गंभीरता से संज्ञान में ना ले, खुद ही बिना मीडिया के सवाल पूछे ही, सफाई देते नजर आएं तो मामला अपने आप ही अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आता है। बिल्हा विकास खंड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित शासकीय प्राथमिक शाला मोहरा की…. जहाँ स्कूल में दर्ज संख्या 120 बच्चों में महज 55 बच्चों की उपस्थिति, शिक्षण काल में बच्चों का स्कूल प्रांगण में खेलना,उपस्थित शिक्षकों से जानकारी मिली कि प्रधानपाठक दीपक संतोष यादव सेलर संकुल गये हुए हैं।
शाला में एक शिक्षिका और एक शिक्षक उपस्थित थे। हमनें प्रधान पाठक को फोन लगाया फोन रिसीव नहीं हुआ। किन्तु कुछ देर बाद ही अचानक प्रधानपाठक आए और बैठ गए उनके मुँह से शराब की तीक्ष्ण गंध आ रही थी हमनें पूछा की ये शिक्षा का मंदिर है आप शराब पीकर आए हैं तो उन्होंने बताया कि सुबह पीया था। फिर अचानक उठ कर मोटरसाइकिल चालू किया और भाग खड़े हुए। हमनें लगभग 5 बजे बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सुनीता ध्रुव से मुलाकात कर उन्हें मामले की गंभीरता से अवगत करवाया।
हमें लगा कि उन्होंने हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया है ऐसा लगता है कि शायद सरकारी स्कूलों में ऐसा होता रहता है..उन्होंने भी देखने की बात कहकर अपनी व्यस्तता बताई और हमें बिदा कर दिया।ऐसे में सवाल खड़े होना लाजमी है कि यदि शिक्षा के मंदिर में प्रधान पाठक ही मदिरा सेवन कर प्रवेश करें और नशे में ही संकुल समन्वय के कार्यालय जाकर भी दस्तावेज जमा कर आएं और संकुल समन्वय को उनके मदिरा सेवन करनें का भान ना हो तो ऐसे स्कूल में अध्ययनरत बच्चों का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
बहरहाल विकास खंड शिक्षा अधिकारी और जिले के तमाम जिम्मेदार शिक्षा अधिकारी इस गंभीर मामले को किस तरह से संज्ञान में लेते हैं ये देखना होगा लेकिन जरूरत है अधिकारियों को ऐसे मामलों को गंभीरता से संज्ञान लेने की, ताकि शिक्षा के मंदिर में अध्ययनरत देश का भविष्य कहे जाने वाले नवनिहालों का भविष्य उज्जवल हो।