छत्तीसगढ़: 12489 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में 1 अप्रैल को होगी सुनवाई

12489 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में 1 अप्रैल को होगी सुनवाई

छत्तीसगढ़:  12489 शिक्षक भर्ती आरक्षण विवाद मामले में 1 अप्रैल 2024 को सुनवाई होना है याचिकाकर्ता योगेंद्र मणि वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एससी, ओबीसी और अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ छलावा हुआ है उनके अधिकारो का हनन हुआ है उन्हें इस भर्ती में उचित अवसर नहीं मिला है यह भर्ती छत्तीसगढ़ में निवासरत 70% आबादी के साथ धोखा है यह अगर ऐसा ही आरक्षण सरकार को देना था तो अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को फॉर्म भी नही भरवाना था और इस तरह के रोस्टर से एससी ओबीसी और अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी दुःखी एवं क्षुब्ध है,

यह वही आरक्षण रोस्टर है जिसे रमन सिंह के सरकार ने 2012 में बनाया था जिसे माननीय छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया था इसके बाउजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जानबूझकर छत्तीसगढ़ के 70% आबादी के साथ छलावा करते हुए उसी रोस्टर से भर्ती निकाला जिससे अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को अपूर्णीय क्षति हुआ है इन वर्गों के कई अभ्यर्थी योग्य होते हुए भी चयन से वंचित हो गए हैं श्री वर्मा ने आगे कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है कि न्यायालय उचित आरक्षण रोस्टर के साथ मेरिट रिवाइज करके सभी वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय करेगा। श्री वर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार ऐतिहासिक 33 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती करने जा रही है छत्तीसगढ़ में 33 जिलों में से से 18 जिला आदिवासी बहुल जिला है अगर ऐसा ही आरक्षण रोस्टर रहा तो आधे से ज्यादा पद तो केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग का रहेगा जो अनारक्षित, ओबीसी और एससी के साथ किसी अन्याय से कम नही है उन्होंने आगे सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अनेकों बार यह स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में जातिगत आरक्षण 50% से अधिक नही हो सकता श्री वर्मा ने हम आरक्षण के विरोधी नही है,

पर संविधान और सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस के अनुसार आरक्षण सभी को मिलना चाहिए सभी वर्ग में वंचित गरीब एवं पिछड़े लोग है सभी वर्ग के लोगों को समान अवसर मिलना चाहिए आगे उन्होंने एससी, ओबीसी और अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए सहयोग की अपील भी की है जिसके लिए उन्होंने अपना फ़ोन पे नम्बर 7869355184 सार्वजनिक किया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल 12489 शिक्षक भर्ती में 5772 पद शिक्षक के और 6285 पद सहायक शिक्षक के निकाले गए थे जिला और सम्भाग स्तर के आरक्षण रोस्टर लागू होने के कारण शिक्षक के 5772 पद में से 3803 पद एवं सहायक शिक्षक के 6285 में से 4207 पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित किये गए थे जिसे याचिकाकर्ता के द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चुनौती दिया गया है वर्तमान में शिक्षक पद में सरगुजा सम्भाग में 55% सीट st को मिला है औऱ बस्तर संभाग में 67% सीट अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को मिले है।

इसी तरह सहायक शिक्षक के कुल पदों में अनुसूचित जनजाति वर्ग को सरगुजा में 57%, सूरजपुर में 45%, बलरामपुर मे 62%, जशपुर जिले मे 62%, कोरिया में 44℅, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी में 44%, बस्तर में 63%, कोंडागांव में 70%, दंतेवाड़ा में 76% , सुकमा में 84% सीट दिए गये है। इसी प्रकार नारायणपुर में एसटी को 71℅, बीजापुर जिले में 75%, कांकेर में 56% आरक्षण दिया गया है। जिसका सुनवाई 1 अप्रैल 2024 को होना है।