आरक्षक विकास भारद्वाज निलंबित ,शराब पीकर वान्टेड आरोपी सन्नाटा के घूम रहा था, पिस्तौल के नोक पर उठाने का निरीक्षक पर लगाया था आरोप,

कोरबा। न सिर्फ कोरबा जिले में चोरी और लूटपाट में संलिप्त बल्कि दीगर जिले में भी चोरी की वारदातों को अंजाम देने के मामले में वांटेड आरोपी सन्नाटा उर्फ धनेश के साथ शराब दुकान में मिले आरक्षक को अंतत: निलंबित कर दिया गया है।

सिविल लाइन थाना रामपुर अंतर्गत सीएसईबी में पदस्थ यह वही आरक्षक विकास भारद्वाज है जिसने जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक भास्कर शर्मा और उनके टीम पर पिस्तौल की नोक पर उठा कर ले जाने का गंभीर आरोप लगाया है। नवागढ़ पुलिस ने निहारिका क्षेत्र की शराब दुकान के पास से सन्नाटा के साथ आरक्षक को मोटरसाइकिल से पकड़ा था। सन्नाटा के विरुद्ध जिले के उरगा थाना में निर्माणाधीन भारतमाला परियोजना स्थल से सामग्रियों की लूटपाट/चोरी का अपराध पंजीबद्ध है और जिले में अपराध घटित करने वाले आरोपी को आरक्षक ना पहचानता हो यह भी कुछ संदेहास्पद है। आरोपी के साथ आरक्षक के मिलने की जानकारी नवागढ़ पुलिस ने कोरबा पुलिस के अधिकारियों को दे दी थी। इसे जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने गंभीरता से लिया है और आदेश जारी कर विकास भारद्वाज को निलंबित कर दिया है।

एसपी श्री तिवारी ने बताया कि उन्हें थाना प्रभारी, सिविल लाईन रामपुर की ओर से एक प्रतिवेदन कार्यालय को प्राप्त हुआ है। उक्त प्रतिवेदन में लेख है कि दिनांक 26.07.2024 को थाना नवागढ़, जिला जांजगीर-चांपा (छ.ग.) के अपराध क. 274/2024 थारा 305, 331 (4) बी.एन.एस. के संदेही आरोपियों की पतासाजी हेतु डीएसपी अनिल कुर्रे, निरीक्षक भास्कर शर्मा एवं उप निरीक्षक पारस पटेल हमराह स्टॉफ के साथ थाना सिविल लाईन रामपुर कोरबा क्षेत्र में आये थे। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि संदेही आरोपियों के घर धड़पकड़ के दौरान मुख्य संदेही धनेश कुमार साहू के साथ पुलिस सहायता केंद्र सीएसईबी में पदस्थ आरक्षक क्र. 532 विकास भारद्वाज गाड़ी में शराब पीकर निहारिका शराब भट्ठी के पास बैठा हुआ था। आरक्षक का कार्य आचरण संदिग्ध प्रतीत होता है। इस कृत्य से विभाग की छवि धूमिल होती है।

अतः पुलिस सेवा आचरण नियम के प्रतिकूल कार्य आचरण प्रदर्शित करने, संदिग्ध कार्यशैली, कर्तव्यविमुखता एवं स्वेच्छाचारिता बरतने के लिये आरक्षक क्र. 532 विकास भारद्वाज को 27.07.2024 के अपरान्ह से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय रक्षित केन्द्र, कोरबा रहेगा तथा निलंबन अवधि में नियमानुसार अनुषांगिक भत्ते प्राप्त होंगे