Gaurela pendra Marwahi: पटवारी कार्यालयो को चला रहे दलाल जमकर कर रहे वसूली, राजस्व मंत्री के निर्देशों का पालन नहीं करवा पा रही प्रशासन,

प्रतिबंध के बावजूद सरकारी कर्मचारी निजी स्टाफ रखकर करवा रहे राजस्व संबंधी दस्तावेज बनाने का कार्य

आय प्रमाण पत्र बनवाना हो या फिर जमीनी मामले निजी कर्मचारी कर रहे डील

मंत्री भी मान रहे निजी कर्मचारी रखने का नही है प्रावधान , गंभीर मामला ,

बड़ा सवाल – शासन से अनुमति नहीं तो कौन दे रहा इन्हे वेतन ?

Gaurela pendra Marwahi:पेंड्रा के पटवारी कार्यालयों में पटवारियों के काम निजी कर्मचारी कर रहे हैं। जबकि शासन से ऐसे कर्मचारी रखने का नियम ही नहीं है। इतना ही नहीं ऐसा करना गैर शासकीय व्यक्ति के लिए अपराध की श्रेणी में आता है। और जो सरकारी व्यक्ति निजी कर्मचारी रखकर कर शासकीय कार्य करवा रहा है वह भी अपराध की श्रेणी में आता है। इन सबके बावजूद पेंड्रा ही नहीं पूरे जिले के पटवारी कार्यालयों में पटवारियों द्वारा निजी कर्मचारी रखकर सरकारी कार्य करवाया जा रहा है। मीडिया ने जब पटवारी कार्यालयों का जायजा लिया तो खुलासा हुआ कि लगभग हर पटवारी कार्यालय में काम यही संभालते हैं। पेंड्रा पटवारी के पास एक नहीं बल्कि ल्कि दो दो दो असिस्टेंट हैं। ठीक इसी तरह भाठागांव पटवारी कोतवाल से अपने हल्के का रिकॉर्ड दुरुस्त करवा रहे है। देवपुरी, जोरा, लाभाण्डी इलाके के पटवारियों के पास भी असिस्टेंट बैठे मिले।

जमीन से जुड़े किसी भी काम के लिए इन्होंने रिश्वत की रकम खुद से तय कर रखी है। जिसे असिस्टेंट के जरिए ही लिया जा रहा है। बी-वन खसरा हो या फौती, नामांतरण का काम। बिना पैसों के कोई दस्तावेज आगे नहीं बढ़ाया जाता। यह महीनों से चल रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत बड़े अफसरों से नहीं हो रही। तहसीलदार और एसडीएम को लगातार पीड़ित सूचना दे रहे, फिर भी जांच या कार्रवाई नहीं हो रही है। अफसर जांच का दावा जरूर कर रहे हैं पर मौके का हाल बता रहा हैं कि अफसरों के दावे खोखले हैं।

सूत्रों की माने तो बंधी अड़भार पटवारी अमित खलखो के दो असिस्टेंट है। मनीष जो कंप्यूटर में काम संभालते हैं। दूसरा सुरेश केवट जिसे रिकार्ड दुरुस्त करने के लिए रखा है। जबकि यह गैर कानूनी है, राजस्व विभाग के महत्वपूर्ण दस्तावेज दलालों के हाथो में होती है, जिससे भ्रष्टाचार और वसूली की पराकाष्ठा को आसानी से समझा जा सकता हैं,

पटवारियों को निजी कर्मचारी रखने का प्रावधान नहीं है। कर्मचारी से अगर गलती होती है तो इससे गंभीर नुकसान हो सकता है। जिस पटवारी द्वारा ऐसा किया जा रहा है उस पर तत्काल एक्शन लिया जाएगा।

टंकराम वर्मा, राजस्व मंत्री, छत्तीसगढ़

उक्त मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अमित बेक से संपर्क किया गया लेकिन संपर्क नही हो सका,